जाने माने पत्रकार साकेत गोखले ने पिछले दिसंबर महीने में गृह मंत्रालय में एक आरटीआई आवेदन दायर कर सरकार से पूछा था कि आखिर टुकड़े-टुकड़े गैंग क्या है और इसकी परिभाषा क्या है? इस गैंग के सदस्य कौन-कौन हैं? इस गैंग पर अभी तक यूएपीए के तहत पाबंदी क्यों नहीं लगाई गई? और, किस कानून या नियम के तहत इस गैंग के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी?
आरटीआई के जवाब में अब खुद अमित शाह के गृह मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोई टुकड़-टुकड़े गैंग नहीं है। मंत्रालय ने कहा “गृह मंत्रालय को टुकडे-टुकडे गिरोह के बारे में कोई जानकारी नहीं है।” इस जवाब के बाद पत्रकार साकेत गोखले ने अमित शाह द्वारा चुनावी भाषणों में बार-बार टुकड़े-टुकड़े गैंग का नाम लेने के खिलाफ चुनाव आयोग को भी पत्र लिखने का फैसला लिया है।
साकेत गोखले ने कहा, “मैं अब इस पर संज्ञान लेने के लिए चुनाव आयोग को लिख रहा हूं। गृह मंत्री अमित शाह को बताना चाहिए कि उन्होंने रैली में इस शब्द का इस्तेमाल क्यों किया या उन्हें लोगों से झूठ बोलने और उन्हें गुमराह करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।”
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