कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क।
नई दिल्ली: 8 दिन पहले यानी 2 अप्रैल को दलित संगठनों के के जवाब में आज आरक्षण के खिलाफ भारत बंद बुलाया गया है। इस बंद को किसी बड़े संगठन का समर्थन तो नहीं है, लेकिन सोशल मीडिया पर 3 अप्रैल से ही इसकी कॉल चल रही है। 2 अप्रैल के बंद में जबरदस्त हिंसा हुई थी जिसमें 17 लोगों की जान चली गई थी। इसे देखते हुए इस बार केंद्र के निर्देश पर प्रभावित राज्यों में सुरक्षा सख्त की गई है। गृह मंत्रालय ने साफ कहा है कि कहीं भी हिंसा हुई तो इसके लिए उस इलाके के डीएम और एसपी को निजी तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा। बता दें कि पिछली बार बंद आरक्षण के समर्थन में था लेकिन आज का बंद आरक्षण के खिलाफ है।
इस बंद को लेकर करीब-करीब आधा देश टेंशन में है। मध्य प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश तक और राजस्थान से लेकर बिहार तक पुलिस और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है क्योंकि यही वो राज्य हैं जहां दो अप्रैल को सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी। भोपाल में सुबह से ही शहर के संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च जारी है और सुरक्षा के तहत यहां धारा 144 लागू है। शहर में करीब 6 हजार अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात हैं, साथ ही सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रख जा रही है। अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दो अप्रैल को राजस्थान में भी जमकर हिंसा और आगजनी हुई थी। खासतौर से अलवर हिंसा की आग में सबसे ज्यादा सुलग उठा था लेकिन इस बार पुलिस कोई चांस नहीं ले रही है। शहर में सोमवार से ही फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है। पुलिस ने साफ निर्देश दे रखा है कि उपद्रवियों से कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। जयपुर में आज पूरे दिन के लिए धारा 144 लागू रहेगी। धौलपुर, करौली, बाड़मेर, अलवर में भी धारा 144 लागू रहेगी। जयपुर में सोमवार रात से ही इंटरनेट सेवा आज रात तक ठप रहेगी।
भारत बंद को लेकर आज यूपी में भी सुरक्षा सख्त है। पुलिस और प्रशासन अलर्ट है। खासतौर से पश्चिमी यूपी में संदिग्धों पर पैनी नजर रखी जा रही है। दो अप्रैल को मेरठ और मुजफ्फरनगर में सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी लिहाजा इस बार इन इलाकों पर पुलिस और प्रशासन का फोकस ज्यादा है। पुलिस के अलावा पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों को भी तैनात किया गया है। मेरठ के अलावा बंद को देखते हुए गाजियाबाद जिले में भी आज पूरे दिन के लिए धारा-144 लागू है।
पिछली बार की तरह आज के बंद का भी कोई नेता नहीं है इसलिए सरकार ने काफी एहतियात बरती है। होम मिनिस्ट्री ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है किसी भी इलाके में हिंसा या तोड़फोड़ हुई तो उस इलाके के डीएम और एसपी उसके जिम्मेदार होंगे। सेंसिटिव इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
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