कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क इलाहाबाद।
इलाहाबाद। ताजा मामला झूंसी थानाक्षेत्र का है जहां आज एक मामले ने तूल पकड़ा हुआ है जिसमें एक पत्रकार द्वारा एक युवती व उसके भाई को डरा धमकाकर धन उगाही का मामला सामने आया है।
पुलिस ने लड़की के बयान पर पत्रकार के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। लड़की का आरोप है कि वो और उसका भाई 8 अप्रैल को आगरा से इलाहाबाद CCC की परीक्षा देने आए थे, परीक्षा देने के बाद दोनो झूंसी में ही अपने किसी परिचित के कमरे पर रात्रि विश्राम करने चले गए। आरोप है कि वे जहां रूके थे वहां अचानक संजय तिवारी नाम का व्यक्ति जो अपने आप को पत्रकार बता रहा था अपने कुछ साथियों के साथ आता है और दोनो के साथ अभद्रता करते हुए 5 लाख रूपए की मांग करता है नहीं तो चैनल पर न्यूज चलाकर बदनाम कर देने की बात कहता है। युवती द्वारा दिए बयान को ध्यान में रखें तो उसने 30000/- रूपए संजय जो कि अपने आप को पत्रकार बता रहा था को दिए भी।
बहरहाल युवती के दिए बयान के आधार पर पत्रकार के ऊपर मुकदमा कर दिया गया। पर इस पूरे प्रकरण में कुछ चीजें ऐसी हैं जो जांच का विषय है जैसे, परीक्षा देने आए दोनो भाई - बहनों (ये हम नहीं कह रहे उस युवती का कहना है) के पास 30000/- की धनराशि रात में आई कहां से ? क्या परीक्षा देने आए व्यक्तियों को इतने बड़े रकम की जरूरत थी ? क्या दोनो बहन भाइयों को रात में ही पुलिस को सूचना नहीं देनी चाहिए थी ? चलिए रात में अंजान जगह पर थाना चौकी ढूढने में असुविधा होती पर क्या दोनो ने डायल 100 या महिला सुरक्षा नं 1090 का सहारा लेना उचित नहीं समझा !
इस प्रकरण को तुरंत बाद ही एक आडियो वायरल हुआ जिसको सुनने के बाद कहीं न कहीं पूरा प्रकरण पूर्व नियोजित और संदिग्ध लग रहा है। जो यह सोचने पर मजबूर करता है कि फर्जी पत्रकार था, फर्जी आरोप थे या फिर फर्जी मुकदमा है। फिलहाल पुलिसिया जांच में यह स्पष्ट होगा कि सच्चाई क्या है।
पुलिस ने लड़की के बयान पर पत्रकार के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया है। लड़की का आरोप है कि वो और उसका भाई 8 अप्रैल को आगरा से इलाहाबाद CCC की परीक्षा देने आए थे, परीक्षा देने के बाद दोनो झूंसी में ही अपने किसी परिचित के कमरे पर रात्रि विश्राम करने चले गए। आरोप है कि वे जहां रूके थे वहां अचानक संजय तिवारी नाम का व्यक्ति जो अपने आप को पत्रकार बता रहा था अपने कुछ साथियों के साथ आता है और दोनो के साथ अभद्रता करते हुए 5 लाख रूपए की मांग करता है नहीं तो चैनल पर न्यूज चलाकर बदनाम कर देने की बात कहता है। युवती द्वारा दिए बयान को ध्यान में रखें तो उसने 30000/- रूपए संजय जो कि अपने आप को पत्रकार बता रहा था को दिए भी।
बहरहाल युवती के दिए बयान के आधार पर पत्रकार के ऊपर मुकदमा कर दिया गया। पर इस पूरे प्रकरण में कुछ चीजें ऐसी हैं जो जांच का विषय है जैसे, परीक्षा देने आए दोनो भाई - बहनों (ये हम नहीं कह रहे उस युवती का कहना है) के पास 30000/- की धनराशि रात में आई कहां से ? क्या परीक्षा देने आए व्यक्तियों को इतने बड़े रकम की जरूरत थी ? क्या दोनो बहन भाइयों को रात में ही पुलिस को सूचना नहीं देनी चाहिए थी ? चलिए रात में अंजान जगह पर थाना चौकी ढूढने में असुविधा होती पर क्या दोनो ने डायल 100 या महिला सुरक्षा नं 1090 का सहारा लेना उचित नहीं समझा !
इस प्रकरण को तुरंत बाद ही एक आडियो वायरल हुआ जिसको सुनने के बाद कहीं न कहीं पूरा प्रकरण पूर्व नियोजित और संदिग्ध लग रहा है। जो यह सोचने पर मजबूर करता है कि फर्जी पत्रकार था, फर्जी आरोप थे या फिर फर्जी मुकदमा है। फिलहाल पुलिसिया जांच में यह स्पष्ट होगा कि सच्चाई क्या है।
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