अबरार अली, ब्यूरो चीफ, सिद्धार्थनगर (यूपी), NIT:

सीएए/एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दो साल पूरा होने पर पीपुल्स एलाइंस ने ‘संघर्ष दिवस’ के रूप में प्रदर्शन किया। दो साल पहले हुए प्रदर्शन में 23 आंदोलनकारियों के मौत के इंसाफ के लिए और जेल में बंद आंदोलनकारियों के रिहाई व अन्य मांगों को लेकर डुमरियागंज एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया।
पीपुल्स एलाइंस के नेता इं शाहरुख अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 12 दिसंबर 2019 में विवादास्पद नागरिकता कानून में मुस्लिम समुदाय को छोड़कर बाकियों को धार्मिक आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान है जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। यह साम्प्रदायिक, भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है। इसलिए केंद्र सरकार कृषि कानूनों की तरह नागरिकता कानून को भी समाप्त करे।
पीपुल्स एलाइंस जिला संयोजक अज़ीमुश्शान ने कहा कि असंवैधानिक नागरिकता कानून को वापस लिए जाने को लेकर 19 दिसंबर 2019 को ‘बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां और रोशन सिंह’ के शहादत दिवस के मौके पर सीएए/एनआरसी के विरोध में देश व्यापी आंदोलन हुआ। जिसमें उत्तर प्रदेश में 23 लोगों को गोली लगने से मौत हुई, सैकड़ों घायल हुए और हजारों की संख्या में लोगों की गिरफ्तारियां की गई। आंदोलन के दौरान पुलिस के गोली से हुई मौतों की न्यायायिक जांच हो, दोषियों पर कार्यवाई हो। मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए।
सीएए/एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में जामिया मिल्लिया इस्लामिया व अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों पर बर्बर पुलिसिया दमन अत्यंत शर्मनाक रहा है। वंही दिल्ली में शाहीन बाग, लखनऊ में घंटाघर, इलाहाबाद में रौशन बाग जैसे सैकड़ों धरना स्थल पूरे देश में अनिश्चितकालीन धरने के लिए बैठ गए। सीएए को अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित करने के बजाए उस कानून को समाप्त किया जाए।नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन में बंद सभी आंदोलनकारियों को रिहा करे और सभी के मुकदमें वापस ले।
आबिद मलिक ने कहा कि दिल्ली के जाफराबाद में हुए दंगो के दोषियों पर उचित कार्यवाई हो। दंगा भड़काने वाले भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर कार्यवाई हो। यूएपीए में बंद शरजील इमाम, उमर खालिद, मीरान हैदर, खालिद सैफी, अख्तर और कई लोग आज भी जेल में बंद हैं, जिन्हें रिहा किया जाए।
निम्नवत मांग…
- कृषि कानूनों की तरह नागरिकता कानून को भी समाप्त किया जाए।
- नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन में बंद सभी आंदोलनकारियों को रिहा करे और सभी के मुकदमें वापस ले।
- आंदोलन के दौरान पुलिस के गोली से हुई मौतों की न्यायायिक जांच हो, दोषियों पर कार्यवाई हो। मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए।
- जामिया व एएमयू के छात्रों पर हुए पुलिसिया दमन पर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाई हो।
- दिल्ली के जाफराबाद में हुए दंगो के दोषियों पर उचित कार्यवाई हो। दंगा भड़काने वाले भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर कार्यवाई हो।
- यूएपीए में फ़र्जी तरीके से बंद शरजील इमाम, उमर खालिद, मीरान हैदर, खालिद सैफी, अख्तर और बाकियों को रिहा किया जाए।
ज्ञापन देने में शोएब अंसारी, मोहम्मद इस्लाम, जावेद खान, औसाफ़ फ़ारूक़ी, अनस मलिक, सलमान, तारिक, इमरान, आमिर, इश्तियाक, जुनैद रज़ा, फरहान, सलमान खान, चांद, नईम, हरिश आदि लोग मौजूद रहे।
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