इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में ब्लैक फंगस का एक और डरावना रूप सामने आया है। ब्लैक फंगस के आठ ऐसे मरीज मिले हैं, जिन्हें नहीं पता कि उन्हें कोराना हुआ भी था या नहीं। उनमें सीधे ब्लैक फंगस के लक्षण सामने आए। इन मरीजों को लेकर डॉक्टर्स भी हैरत में हैं। इन्हें लेकर शुक्रवार को संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा द्वारा गठित डॉक्टरों की कमेटी की बैठक हुई।
इसमें तय किया गया कि पहले इन मरीजों की एंटीबॉडी का टेस्ट किया जाएगा। इससे यह पता चल पाएगा कि इन्हें कोरोना हुआ था या नहीं। डॉक्टर्स का कहना है कि ये संभव है कि इन्हें कोरोना का हल्का संक्रमण हुआ हो, जिसके कारण इन्हें कोई लक्षण प्रकट नहीं हुए और ये ठीक भी हो गए। डॉ. शर्मा ने कहा कि कमेटी को इनकी जांच के लिए दो दिन का समय दिया गया है। यह भी बात सामने आई है कि 25 फीसदी मरीज ऐसे थे, जिनका उपचार होम आईसोलेशन में हुआ और उन्हें ब्लैक फंगस का संक्रमण हो गया।
कुछ ऐसे मरीज सामने आए हैं, जिन्होंने कहा कि उन्हें कोविड नहीं हुआ। जांच में उनमें कोरोना एंटीबॉडी मिली। कई बार संक्रमण से इम्युनिटी कमज़ोर हो जाती है। फेरेटिन लेवल बढ़ने से आयरन की मात्रा बढ़ जाती है। इससे भी मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ सकता है।
डॉ. सौरभ मालवीय, जॉइंट सेक्रेटरी, IMA
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