जबलपुर। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि कोरोना पॉजिटिव/संदिग्ध व्यक्तियों के इलाज में परिवार के लाखों रूपये खर्च हुए। मुख्यमंत्री महोदय द्वारा द्वारा जो एक मुश्त एक लाख अनुग्रह राशि दिये जाने की जो घोषणा की गई है वह ऊंट के मुंह में जीरा समान है। मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए कोरोना से मृत्यु उपरांत आश्रित परिवार को एक मुश्त दस लाख दिया जाना ही उन परिवारों के लिए सच्ची श्रद्धांजली होगी।
प्रोटोकाल के तहत हुए अंतिम संस्कार को कोरोना से मौत माना जाए
मान. मुख्यमंत्री म.प्र. शासन द्वारा कोविड-19 कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सरकारी आंकडों के हिसाब से कोरोना संक्रमित मृत व्यक्तियों के आश्रित परिवार को एक लाख रूपये अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है। सरकारी आंकड़ों में कोरोना से मृत्यु की संख्या न के बारबर है जबकि कोरोना की इस दूसरी लहर में कोरोना प्रोटोकाल के तहत प्रति दिन सैंकडों दाह संस्कार, सामूहिक कब्रों में दफन करने के मंजर आम थे। जो किसी सरकारी आंकड़े में दर्ज नहीं किये गये हैं।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, मंसूर बेग, मुकेश सिंह, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, सुरेन्द्र जैन, श्यामनारायण तिवारी, नितिन अग्रवाल, राकेश सेंगर, प्रियांशु शुक्ला, धीरेन्द्र सोनी, मो०तारिख, संतोष तिवारी, महेश कोरी, विनय नामदेव, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, आदि ने माननीय मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव म.प्र.शासन को ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजकर मांग की गई है कि सभी परिवार जिनके परिवार का कोई सदस्य कोरोना की इस दूसरी लहर में कोरोना पॉजिटिव/संदिग्ध पाये जाने पर मृत्यु हुई हो सभी को एक मुश्त दस लाख रूपये दिये जावें।
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