भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के सबसे नजदीकी विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री से मांग की है कि कोरोनावायरस की परिस्थितियों से निपटने हेतु रणनीति बनाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए।
सब मिलकर फैसला करें, सरकार अकेले नहीं निपट पाएगी
विधायक श्री सज्जन सिंह वर्मा ने लिखा कि प्रदेश में कोरोना संकट की वर्तमान परिस्थितियां बद से बदतर हो गई हैं। ऐसी स्थिति में इसके नियंत्रण के लिए सर्व सम्मति से कोई ठोस निर्णय निकाला जाना अत्यंत आवश्यक है। पिछले 1 साल में शिवराज सरकार ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिए कोई योजना नहीं बनाई ना ही कोई ठोस काम किए। सत्ता हथियाने के बाद 1 साल में भी कोई सुधार नहीं हुआ और स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
सीएम शिवराज सिंह, विधायकों और जनप्रतिनिधियों से बातचीत नहीं कर रहे
श्री वर्मा ने कोविड समस्या के समाधान तथा संक्रमण से निपटने के लिए होने वाले किसी भी निर्णय में विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता, विधायकों तथा अन्य जनप्रतिनिधियों को कहीं भी शामिल नहीं किए जाने का भी मुद्दा उठाया और कहा कि आज भी सभी फैसले भाजपा के नेता मिलकर ले रहे हैं। जबकि सभी जनप्रतिनिधियों को शामिल कर निर्णय होने चाहिए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोनावायरस फैलाने की कोशिश कर रहे हैं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कोरोना को फैलाने का आरोप लगाते हुए श्री वर्मा ने कहा कि दमोह में मुख्यमंत्री लोगों को घरों से बाहर निकलकर प्रचार प्रसार करने तथा चुनावों में शामिल होने का आव्हान कर रहे हैं जबकि दमोह से लगे हटा में लोगों ने स्वयं ही लॉकडाउन कर कोरोना की चेन तोड़ने का अनुपम उदाहरण दिया जबकि मुख्यमंत्री के गैर जिम्मेदाराना ट्वीट द्वारा कोरोना को फैलने का नया रास्ता दिया।
25% उपस्थिति के साथ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए
श्री वर्मा ने कोरोना संक्रमण से प्रदेश की रक्षा के लिए 25% (सत्ता पक्ष तथा विपक्ष) के वरिष्ठ विधायकों के साथ विधानसभा सत्र तुरंत बुलाए जाने की मांग विधानसभा अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री से की। श्री वर्मा के अनुसार इसमें सभी वरिष्ठ विधायक इस महामारी पर विचार करें और कुछ ठोस सॉल्यूशन लेकर आएं। प्रदेश की जनता की जान की रक्षा के लिए विधानसभा का हर सदस्य जिम्मेदार है।
प्रधानमंत्री जी से कहिए रेमडीसीविर इंजेक्शन का निर्यात बंद करें
साथ ही श्री वर्मा ने रेमडीसीविर इंजेक्शन की किल्लत पर प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा और मांग की की जनता इसके लिए दर-दर भटक रही है। प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर रेमडीसीविर इंजेक्शन तथा कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर देश में पहले उपलब्ध कराने का अनुरोध प्रदेश की सरकार को करना चाहिए। जब देश में इनकी ज्यादा आवश्यकता है तो इन्हें निर्यात क्यों किया जा रहा है?
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