मोदी सरकार को एक साथ लगे 4 झटके


इस महीने की शुरुआत से पहले सरकार को एक साथ कई बड़े झटके लग गए हैं. ये झटके सरकार के लिए नई चुनौती लेकर आने वाले हैं.


  • गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) कलेक्शन के मोर्चे पर भी झटका लगा है. सितंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन कुल 91,916 करोड़ रुपये का रहा है. इससे पहले अगस्त महीने में जीएसटी कलेक्शन 98,203 करोड़ रुपये था.यानी अगस्त के मुकाबले में सितंबर में कुल 6287 करोड़ रुपये जीएसटी कम आया है.
  • लंबे समय से सुस्‍ती के दौर से गुज रहे ऑटो सेक्टर के लिए सितंबर का महीना भी निराश करने वाला रहा है. तमाम कोशिशों बावजूद यह सेक्टर मंदी से उबर नहीं पा रही है. सितंबर में Maruti Suzuki की बिक्री सालाना आधार पर 24.4 फीसदी घटकर 1.22 लाख यूनिट रही है. वहीं बजाज ऑटो की भी बिक्री सितंबर महीने में 20 फीसदी घटी है.
  • महीने के पहले कारोबारी दिन 1 अक्‍टूबर को शेयर बाजार ने एक बार फिर बड़ा झटका दिया. मंगलवार के कारोबार में सेंसेक्स एक समय 737 अंक से अधिक टूट गया था. अंत में सेंसेक्स 361.92 अंक यानी 0.94 फीसदी घटकर 38,305.41 अंक पर रहा. इस वजह से निवेशकों के 1.80 लाख करोड़ रुपये डूब गए. इसी तरह निफ्टी 114.55 अंक यानी एक फीसदी गिरकर 11,359.90 अंक पर बंद हुआ. यह लगातार तीसरा दिन था जब बाजार में गिरावट आई. बता दें कि पिछले तीन सत्र के कारोबार में सेंसेक्स 684.33 अंक यानी 1.76 फीसदी और निफ्टी 211 अंक यानी 1.83 फीसदी नुकसान में रहा है.
  • अगस्त महीने के कोर सेक्‍टर के आंकड़ों ने भी सरकार की चिंता बढ़ा दी है. दरअसल, बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों का उत्पादन इस साल अगस्त में सालाना आधार पर 0.5 फीसदी नीचे रहा. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त अवधि में बुनियादी उद्योगों की उत्पादन वृद्धि दर 2.4 फीसदी है. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में इसी अवधि में इनकी वृद्धि दर 5.7 फीसदी थी. आठ प्रमुख उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उवर्रक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं.


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