इंदौर। फल-सब्जियों सहित अन्य उद्यानिकी फसलों को कीट एवं अन्य बीमारियों से बचाव के लिये किसानों को उद्यानिकी विभाग द्वारा सामायिक सलाह दी गई है। सब्जियों एवं फलों की रोग प्रतिरोधी किस्मों का प्रयोग करें, अंतवर्तीय फसलों की खेती रोग प्रबंधन में कारगर है। भिण्डी में पीला मोजेक रोग के नियंत्रण में लोविया लगाकर कर सकते हैं।
प्रमुख सब्जियों में कीट नियंत्रण के उपयोगी उपाय
पत्तियों तथा तना के विभिन्न अंगों का रस चूसना, कोमल पत्तियों तथा तनों को खाना, फूलों का रस चूसना, खाना एवं विकृत करना, फलों एवं तनों में छेद करना, पौधों की जड़ें काटना, विभिन्न रोगों के भाग के रूप में कार्य करना, हानि की दृष्टि से कीटों को विभिन्न वर्गों में बाटा जा सकता है। जिसके लिए कृषकों को सावधानियां बरतनी चाहिए।
सब्जियों के प्रमुख रोग व कीट नियंत्रण
उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि फफूंद जनित बीमारियों के प्रबंधन हेतु ट्राईकोडर्मा, बिरिडी ट्राईकोडरमा, हरजिनयानम से बीज उपचार करें। जीवाणु जनित बीमारियों के बचाव हेतु स्यूडोमोनास का प्रयोग करें। वायरस जनित बीमारियों से बचाव हेतु रोग ग्रसित पौधों का उखाड़ कर जला दें।
फसल, सब्जी, फल-फूल की बीमारी की दवा
रस चूसक कीटों के नियंत्रण हेतु अनुसंशित कीट नाशक दवाओं का छिड़काव करें। पत्तियों, तनों व फलों पर लगने वाली बीमारियों के नियंत्रण हेतु जैविक फफूंद नाशक दवाओं में ट्राईकोडरमा, बिरिडी अथवा स्यूडोमोनास का प्रयोग करें। रासायनिक दवाओं में कार्वान्डाजिम, मेन्कोजेब, प्रोपिको नोजोल, ट्राइजोइक्लोजाल, कॉपर युक्त दवाओं का प्रयोग करें। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.
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