जबलपुर। परिवहन विभाग की लापरवाही के कारण पूरे शहर में बड़ी संख्या में अवैध ऑटो रिक्शा संचालित हो रहे हैं। हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी तो अचानक परिवहन विभाग ने अवैध ऑटो रिक्शा की धरपकड़ शुरू कर दी। इसके कारण तनाव की स्थिति बन गई है। एक ऑटो रिक्शा चालक ने इसी तनाव के चलते आत्मदाह कर लिया। 80% जली हुई स्थिति में उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है।
बताया गया है कि ऑटो रिक्शा चालक चंद्रिका अहिरवार उम्र 24 साल, रामनगर में दुर्गा मंदिर के पास रहता है एवं ऑटो रिक्शा चलाकर पूरे परिवार का भरण पोषण करता है। परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी और 2 साल की बेटी भी है। कुछ दिनों पहले तक सब कुछ ठीक था। परिवहन विभाग वालों को सब कुछ पता था लेकिन वो करवाई नहीं करते थे। अब अचानक ऑटो रिक्शा जप्त करने लगे।
चंद्रिका की बहन कमला ने बताया कि आरटीओ की कार्रवाई के कारण चंद्रिका कई दिनों से तनाव में था। उसने अपना ऑटो घर पर खड़ा कर दिया था। 15 दिसंबर को वह ऑटो लेकर घर से निकला और फिर थोड़ी ही देर में वापस आ गया। घर पर ऑटो खड़ा करके मेमोरी तिराहा पहुंचा, जहां उसने खुद को आग लगा ली। डॉक्टरों का कहना है कि उसकी हालत काफी नाजुक है। 80% तक जल चुका है। उसके साथ ऐसा क्या हुआ और किसने किया, फिलहाल कुछ नहीं पता।
पुलिस का दावा- आत्मदाह नहीं एक्सीडेंट है
सीएसपी रांझी एमपी प्रजापति ने दावा किया है कि यह मामला आत्मदाह का नहीं बल्कि एक्सीडेंट का है। घायल चंद्रिका ने खुद तहसीलदार को बयान दिए हैं। चंद्रिका ने बताया है कि वह ऑटो के इंजन को केरोसिन से साफ कर रहा था। इस दौरान केरोसिन उसके कपड़ों पर गिर गया। इससे अनभिज्ञ चंद्रिका ने सिगरेट जलाई तो कपड़ों में आग लग गई। वह 80 प्रतिशत के लगभग झुलस गया है।
हालांकि, सीएसपी ने यह नहीं बताया कि बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है या नहीं और बयान के समय चंद्रिका के परिवार की कौन-कौन लोग उपस्थित थे। जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया jabalpur news पर क्लिक करें.
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