जैसा की सभी जानते है कि 2017 में मध्य प्रदेश शासन ने मलेरिया mpw को 8 साल सेवा लेकर सेवा से पृथक कर दिया था और फिर 2019 की STS (सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर) की भर्ती में 20% वेटेज देकर भर्ती करने का प्रावधान सितम्बर 2019 की राज्य स्वास्थ्य समिति की बैठक में तय हुआ था।
फिर STS भर्ती का विज्ञापन octomber 2019 में जारी किया गया लेकिन NHM ने सिर्फ एक बिंदु दिया की वो भर्ती में पद कम जय ज्यादा कर सकता है, भर्ती निरस्त कर सकता है लेकिन 20% वेटेज देने की बात देना भूल गया। दिसम्बर 2019 में एग्जाम हुई और फिर अचानक 2021 की 23 जनवरी को एक लेटर NHM द्वारा जारी किया गया कि STS भर्ती की मेरिट MPW को 20% वेटेज देकर बनाई जा रही है लेकिन जब रिजल्ट आया तो नॉन MPW कैंडिडेट कोर्ट में चले गए और NHM ये साबित नही कर पाया कि 20% वेटेज का प्रावधान विज्ञप्ति के पहले हुआ था।
ऐसे में अब सभी निष्कासित MPW जो जॉब से 2017 से बाहर चल रहे है, आपने आप को ठगा महसूस कर रहे है क्योंकि 20% वेटेज उन्हें उनकी 8 साल की सेवा का फल मिला था लेकिन अब NHM केस हार गया है तो सभी MPW मेरिट से बाहर ही जाएंगे। मतलब NHM की गलती की सजा MPW भुगतेंगे।
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