दाल, प्रोटीन का सबसे अच्छा सोर्स है। शायद इसीलिए कहा जाता है कि 'दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ' यानी यदि आप दाल और रोटी खाते हैं तो आपके शरीर को पर्याप्त पोषण प्राप्त हो जाता है। फिर आपको किसी भी प्रकार की दवाई की जरूरत नहीं पड़ती। परंतु आजकल दाल के कारण यूरिक एसिड की शिकायत आ रही है। आइए जानते हैं क्या कारण है और इस समस्या का निवारण है:-
दाल से यूरिक एसिड बढ़ने का कारण
आधुनिक रसोई घर में दाल कुकर में बनाई जाती है। बहुत सारी महिलाएं जिन्हें चूल्हे पर दाल बनाने की पद्धति नहीं पता, वह अक्सर कुकर में दाल बनाते समय बड़ी गलती कर जाती हैं। वह कुकर में दाल, पानी, हल्दी, नमक लहसुन और अदरक आदि एक साथ डाल कर कुकर को बंद कर देती हैं। फिर उसके पक जाने पर कुकर को ओपन करके दाल परोस दी जाती है। इस प्रक्रिया से पकाई गई दाल के कारण खाने वाले के शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।
दाल से यूरिक एसिड को अलग करने की विधि
सबसे पहले दाल को पानी में कम से कम 1 घंटे तक भीगने दें। इससे दाल का स्वाद भी बढ़ जाता है। फिर कुकर के अंदर दाल, पानी, हल्दी, नमक, लहसुन और अदरक आदि को डालकर कुकर को बंद किए बिना उसे उबलने दीजिए। जब दाल में उबाल आता है। तब उसके साथ थोड़ा झाग भी बनता है। किसी बड़े चम्मच की सहायता से उस झाग को दाल से अलग कर दीजिए। झाग को निकालने के बाद कुकर को बंद कर दीजिए और फिर सीटी आने दीजिए। इस प्रक्रिया से बनी दाल में यूरिक एसिड बिल्कुल नहीं होगा।
जिन महिलाओं को खुले चूल्हे पर बिना कुकर की मदद की दाल बनाने की विधि याद है। उन्हें अच्छे तरीके से पता है कि दाल में पहला उबाल आने के बाद जो झाग निकल कर आता है उसे दाल से अलग कर दिया जाता है। तभी तो दाल में सिर्फ प्रोटीन रह जाता है। दाल के छोंक में हींग और करी पत्ता का इस्तेमाल करना चाहिए। करी पत्ते का नियमित सेवन यूरिक एसिड को न केवल कम करता है बल्कि यूरिक एसिड को होने भी नहीं देता है। स्वास्थ्य से संबंधित समाचार एवं जानकारियों के लिए कृपया Health Update पर क्लिक करें
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