प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्त के इंतजार में बैठे लोगों को बारीश में सर ढकने के लिए लेना पड़ रहा है प्लास्टिक की बरसाती का सहारा

रहीम शेरानी हिदुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

इस बार कोरोना माहामारी ने एक ओर जहाँ आम आदमी को रोने के लिए मजबूर कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि गरीब हितग्राहियों के खातो में नहीं डाले जाने से गरीब अपने घर की छत को प्लास्टिक की बरसाती और टूटे फूटे टीन टपर से ढक अपना सहारा बना रहे हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रथम किश्त मिलने के बाद सैकड़ों हितग्राहियों ने अपने कच्चे मकान पक्के करने के चक्कर में तोड़ दिये और नई पक्की दिवारें चारों ओर बना दी, अब छत डालने के पैसे नहीं हैं और बरसात का मौसम शुरु हो गया है और बारीश लगातार जारी है जिससे टिन टप्पर के मकानों की छत टपकना शुरू हो गई है जिससे निजात पाने के लिए प्लास्टिक बरसाती का ही सहारा लेना पडता है लेकिन आंधी-पानी की वजह से पलास्टिक भी टिक नहीं पा रही है.

आज भी अनेक गरीब परिवार इस आस में हैं की सरकार दूसरी किश्त की राशी उनके खातों में डालेगी और गरीब पक्की छत डाल कर सुकुन की जिन्दगी बसर करेंगे.



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