भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में निजामुद्दीन हाउसिंग सोसायटी में अनियमितताओं की शिकायतें लगातार जिला सहकारिता कार्यालय को प्राप्त हो रही थीं। इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की गई।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद भी सोसायटी के पदाधिकारी संस्था के भूखंडों को बेच रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए उपायुक्त सहकारिता बबलू सातनकर ने हजरत निजामुद्दीन हाउसिंग सोसायटी की रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी है। अपने आदेश में उन्होंने स्पष्ट किया है कि पूर्व में न्यायालय पंजीयन संस्था भोपाल ने 22 दिसंबर 2020 को सोसायटी के भूखंडों को बेचने के मामले में स्थगन आदेश देते हुए तत्काल प्रभाव से प्लॉट वितरण व ब्रिकी पर रोक लगा दी थी।
वर्तमान में रजिस्ट्री की रोक संबंधी प्रकरण न्यायालय राज्य सहकारी अधिकारी भोपाल में विचाराधीन है। जब तक प्रकरण का निराकरण नहीं हो जाता, तब तक संस्था द्वारा भूखंडों के वितरण और बिक्री संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की जा सकेगी। उपायुक्त ने वरिष्ठ जिला पंजीयक और जिला पंजीयक को भी इस संबंध में पत्र भेज दिया है, ताकि सब रजिस्ट्रार कार्यालय में सोसायटियों के प्लॉटों की रजिस्ट्रियां न हों।
खास बात यह है कि जब हजरत निजामुद्दीन सोसायटी के पदाधिकारियों ने प्लॉट नंबर 40 की रजिस्ट्री की सर्टिफाइड कॉपी निकलवाई, तो उन्हें पता चला कि इस प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री नवंबर 2017 को की गई है। बता दें कि वर्ष 2015 में सर्वोदय गृह निर्माण सहकारी संस्था के मामले में प्रशासक विलीन खटावकर ने उप पंजीयक को एक लिखित आवेदन सौंपा था। इसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया था कि सर्वोदय गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल के स्वामित्व की समस्त भूमि जो भोपाल नगर निगम सीमा में स्थित हो, के क्रय-विक्रय पंजीयन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए।
22 मार्च को सबसे ज्यादा पढ़े जा रहे समाचार
from Bhopal Samachar | No 1 hindi news portal of central india (madhya pradesh) https://ift.tt/3lEguxg
Social Plugin