30 अक्टूबर 2020, दिन शुक्रवार पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा का दिन। पृथ्वी और चंद्रमा के संबंध में यह सबसे महत्वपूर्ण रात होती है। इस दिन पृथ्वी से चंद्रमा 99.2% चमक के साथ दिखाई देगा। चंद्रमा शाम 5:13 बजे उदय होगा और पूरे 12 घंटे तक क्षितिज पर रहेगा। 31 अक्टूबर सुबह 5:08 बजे चंद्र धरती के पश्चिम में अस्त होगा।
शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा सुपरमून की तरह नहीं चमकेगा
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका ने बताया कि चंद्रमा एक ही रात में न तो रंग बदलता है और न आकार। दरअसल उदित होते समय हमारी पृथ्वी का वातावरण चंद्रमा को लालिमा लिए दिखाता है। जब चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3 लाख 60 हजार किमी रहता है तो वह अधिक बड़ा और चमकीला दिखता है, जिसे सुपरमून कहते हैं। इस शरद पूर्णिमा को चंद्रमा 406394 किमी रहते हुए हमसे ज्यादा दूर है इसलिए यह सुपरमून की तरह नहीं चमकेगा।
चंद्र उदय और अस्त के समय चंद्रमा से लाल रोशनी क्यों दिखाई देती है
सारिका ने बताया कि उदय एवं अस्त के समय चंद्रमा की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल में अधिक दूरी तय करती हैं जिससे बाकी रंग तो बीच में ही खो जाते हैं केवल लालिमा हमारी आंखो तक आती है।
चंद्र उदय और अस्त के समय चंद्रमा बड़ा क्यों दिखता है
उदय एवं अस्त के समय चंद्रमा को देखते समय हमारे सामने पृथ्वी पर स्थित इमारत, पहाड़, वृक्ष, आदि भी दिखते हैं जिनको साथ देखने पर हमे लगता है कि चंद्रमा का गोला बड़ा हैं। यह आंखों का भ्रम या इलुजन होता है।
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