DAVV HOSTEL: पीने के पानी में मिला मरा हुआ सांप | INDORE NEWS

इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी (डीएवीवी) के तक्षशिला परिसर के जवाहरलाल नेहरू बॉयज होस्टल में रविवार को पीने के पानी की टंकी में सुबह छात्रों को मरा हुआ सांप मिला। इससे हडक़ंप मच गया। इसी पानी से बच्चों का खाना बनाया जा रहा था। होस्टल में रह रहे छात्रों ने बताया, आए दिन होस्टल परिसर में सांप व जानवरों को देखा गया है। 15 जून 2019 को होस्टल के छात्र दिग्विजयसिंह (पीएचडी छात्र) को सांप ने काट लिया था। 

ए प्लस नेक ग्रेड प्राप्त DAVV के होस्टल परिसर में कॉमन क्रेड, रसल वाइपर जैसे कई जहरीले सांपों को देखा गया है। होस्टल में रह रहे विद्यार्थियों का कहना है, होस्टल में चार पानी की टंकियां हैं, जिनकी सफाई नियमित नहीं होती। इससे आए दिन उसमें कचरा व वन्य जंतु पाए जाते हैं। इससे पहले भी चीफ वार्डन और होस्टल वार्डन को इस संबंध में लिखित में अवगत कराया जा चुका है। मालूम हो, इसके पहले जुलाई 2018 में रोजगार मेले के समय भी टंकी में मरा हुआ सांप मिल चुका है। होस्टल वार्डन कपिल जैन का कहना है, बीते कई वर्षों में सांप के पानी की टंकी में मरे पाए जाने की घटना पहली बार सामने आई है। हम समय पर टंकियों की सफाई कराते हैं। आगे ऐसी घटनाएं ना हों, उचित कदम उठाएंगे। 

चीफ वार्डन ऑफिस में संपर्क करके पानी की टंकी की सफाई सुरक्षा की दृष्टि से उनमें जालियों की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। शुद्ध पानी नहीं मिला तो नहीं बनाएंगे मेस में खाना होस्टल के मैस में खाना बनाने वाले बाबूलाल का कहना है, यदि टंकी की सफाई नहीं होती है तो इस दूषित जल से खाना नहीं बनाएंगे। पहले भी इस प्रकार की घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं से वार्डन और चीफ वार्डन को बताया गया था। मैं बच्चों के स्वास्थ्य से समझौता नहीं कर सकता, इसलिए गंदे पानी से खाना नहीं बनाऊंगा।

होस्टल के छात्रों की कमेटी अध्यक्ष सुयश माथुर ने बताया, होस्टल के आसपास जंगली घास और झाडिय़ों के बढऩे से आए दिन जीव-जंतु होस्टल में मिलते हैं। पहले भी विद्यार्थियों के कमरों व मैस में सांप पाए गए हैं। घटनाओं से चीफ वार्डन और वार्डन अवगत हैं, बावजूद कोई कार्रवाई नहीं देखने को मिली। नहीं होता वाटर कूलर का मेंटनेंस होस्टल कमेटी के उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह ने बताया, होस्टल में लगभग 85 विद्यार्थी रहते हैं, जिनके बीच दो वाटर कूलर हैं, जिनका मेंटेनेंस समय पर नहीं होता। वाटर प्यूरीफायर की कोई व्यवस्था नहीं है।

नैक दौरे के समय कुलपति प्रो. रेणु जैन भी होस्टल का दौरा कर चुकी हैं, तब छात्रों ने उन्हें परेशानियों के बारे में बताया था। बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। होस्टल में नियुक्त कर्मचारियों की उपस्थिति में भी गड़बडिय़ां पाई गई हैं। नियुक्त सफाई कर्मचारी, इलेक्ट्रिशियन, गार्ड अपनी सेवाएं उचित ढंग से नहीं देते हैं, जिस कारण छात्रों को परेशान होना पड़ता है। होस्टल की खिड़कियों के ग्लास व जालियां पूरी तरह टूट चुके हैं।


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