इतिहासकार रोमिला थापर, सिनेमेटोग्राफर आनंद प्रधान, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह समेत 180 से अधिक सदस्यों ने उस कार्रवाई की निंदा की जिसके तहत 49 सेलिब्रिटी पर मामला दर्ज किया गया है। इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा था जिसे देशद्रोह बताया जा रहा है। बता दें कि कथित देशद्रोह मामले में जुलाई में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा गया था।
पिछले सप्ताह बिहार के मुजफ्फरपुर में निर्देशक अपर्णा सेन, अदूर गोपलाकृष्णन व लेखक रामचंद्र गुहा समेत 49 हस्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।सोमवार को जारी किए गए नए पत्र में प्रमुख हस्तियों ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री को खुले तौर पर लिखे गए पत्र को देशद्रोह का मामला कैसे बना दिया गया। देशद्रोह व आइपीसी की धाराओं के तहत कई मामले दर्ज किए गए हैं। बता दें कि हाल में ही सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा था कि सरकार की आलोचना करने पर राजद्रोह के आरोप नहीं लगाए जा सकते।
पत्र में कहा गया, 'सांस्कृतिक समुदाय में हमारे 49 सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। केवल इसलिए क्योंकि समाज के जिम्मेवार नागरिक के तौर पर उन्होंने आवाज उठाई। देश में हो रहे मॉब लिंचिंग पर चिंता जताते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री को खुले तौर पर पत्र लिखा था। क्या इसे राजद्रोह का मामला कहेंगे? क्या अदालतों का दुरुपयोग करके लोगों की आवाज को चुप कराना प्रताड़ना नहीं है?'
( न्यूज सोर्स : जागरण )
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