भोपाल। बाढ पीडित किसानों की मदद के नाम पर कमलनाथ सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 5 प्रतिशत वेट टैक्स थोप दिया था लेकिन ट्रांसपोर्टर ने इसका अपने तरीके से जवाब दिया। वो पडौसी राज्यों से डीजल खरीदने लगे, नतीजा बिक्री घट गई। अब सरकार ने रिपोर्ट मंगवाई है, समीक्षा के बाद बडा हुआ वेटटैक्स जनहित के नाम पर वापस ले लिय जाएगा।
वाणिज्यिक कर मंत्री ब्रजेंद्र सिंह राठौर ने प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के बाद सरकार को हुई आमदनी और उसकी कुल खपत पर अफसरों से रिपोर्ट मांगी है। मंत्री ने 6 अक्टूबर तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। उस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार अगला फैसला लेगी। सरकार इस पर भी फीडबैक ले रही है कि पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से बढ़ाए जा रहे दाम का क्या असर हो रहा है।
केन्द्र पर आरोप
वाणिज्यिक कर मंत्री ब्रजेंद्र सिंह राठौर ने पेट्रोल और डीजल की मूल्यवृद्धि के लिए केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य की हिस्सेदारी में कटौती कर दी है। साथ ही प्रदेश बाढ़ का शिकार है ऐसे में सरकार को ज़रूरी राशि के लिए वैट बढ़ाना पड़ा है लेकिन मंत्री ने ये भी कहा कि पेट्रोल और डीजल पर लगाया वैट अस्थायी है। सरकार इसे वापिस लेगी। मंत्री ब्रजेंद्र सिंह राठौर ने विपक्ष पर सरकार के जन हितैषी फैसलों का विरोध करने का आरोप लगाया। उन्होंने विपक्ष के नेताओं को सलाह दी कि प्रदेश सरकार के खिलाफ ढोल बजाने के बजाय दिल्ली में केंद्र सरकार के भेदभाव वाले रवैये के खिलाफ प्रदर्शन करें।
पड़ोस से मिली शिकायत
दरअसल प्रदेश में पेट्रोल और डीजल देश में सबसे ज्यादा मंहगा होने पर ये शिकायत मिली कि सीमावर्ती इलाकों में लोग पड़ोसी राज्यों से इन्हें खरीद रहे हैं, इसलिए प्रदेश में पेट्रोल-डीजल कम बिक रहा है। ये शिकायत मिलने के बाद सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने पर विचार शुरू किया।
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