त्रिपुरा सरकार ने मंदिरों में पशुओं की बलि पर रोक के उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष न्यायालय में चुनौती देने का फैसला किया है। कानून मंत्री रामरत्न लाल नाथ ने सोमवार को कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील और विवादित है और इस पर मिश्रित प्रतिक्रिया आई है, अत: इसे उच्चतम न्यायालय में ले जाना बेहतर होगा।
नाथ ने कहा , 'हम लोग सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी)दायर करेंगे। जानवरों के प्रति क्रूरता रोकथाम अधिनियम 1960 में भी धर्मिक कारणों की वजह से पशुओं की बलि की अनुमति दी गयी है। इसी तरह के मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार का मामला शीर्ष न्यायालय में लंबित है और सरकार उच्चतम न्यायालय से दिशानिर्देश चाहती है।
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और जस्टिस अरिंदम लोध की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था जिसमें कहा गया था कि किसी को भी राज्य के अंदर किसी भी मंदिर के प्रांगण में पशु और पक्षी की बलि देने की इजाजत नहीं होगी। पीठ ने सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को इस आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।
( न्यूज़ सोर्स : डेली न्यूज पत्रिका )
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