अब्दुल वाहिद काकर, धुले (महाराष्ट्र), NIT:
राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा-शिवसेना द्वारा की गयी कांग्रेसी नेताओं कि मेगा भरती के कारण टीकट से हाथ धो बैठे पदाधिकारियों के निर्दलिय नामांकन दोनों पार्टियो के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। पूरे राज्य की 288 सीटों पर तमाम राजनितिक दलों के प्रभावशाली बागी प्रत्याशियों ने फिल्हाल मैदान में ताल ठोक दी है, वैसे नामांकन वापसी की प्रक्रिया अभी बाकी है, इसी बीच बागियों को मनाने की कोशिशें तेज हो गयी हैं। भाजपा के संकटमोचक नेता गिरीश महाजन इसी सिलसिले में शनिवार को दबे पांव धुलिया पहुंचे जहां उन्होंने धुलिया शहर से बागी प्रत्याशी डाॅ माधुरी बोरसे, शिरपुर से बागी डाॅ जितेंद्र ठाकुर का बंद कमरे में मान मनव्वल किया लेकिन दोनों बागियों ने संकटमोचक को यह कहकर दो टोक सुना दिया कि हमने भाजपा की सदस्यता से इस्तिफ़ा दे दिया है और हम लोग हर हाल में चुनाव लडेंगे, बागियों के तेवर देखकर फ़डणवीस सरकार के संकटमोचक के रुप में लोकप्रिय बने गिरीश महाजन को उलटे पैर जलगांव वापिस लौटना पड़ा। वर्तमान सत्ता रामायण में खुद के पार्टी के बागियों ने ही संकटमोचक की पूँछ में आग लगाकर महाजन की चुनावी कुशलता को चुनौती पेश कर दी है जिससे उनके संकटमोचक वाले तमगे की गरीमा को चोट अवश्य लगी है।
विदित हो कि धुलिया सिटी से महायुती के प्रत्याशी हिलाल माली के खिलाफ़ डाॅ माधुरी बोरसे और शिरपुर से भाजपा प्रत्याशी काशिराम पावरा के खिलाफ़ भाजपा के डाॅ जितेंद्र ठाकुर ने निर्दलिय नामांकन पत्र दाखिल किया है। बहरहाल उत्तर महाराष्ट्र में 45 सीटें जीतने का दावा करने वाले गिरीश महाजन अपने ही पार्टी के बागियों के कारण संकट में घिरते नजर आ रहे हैं।
from New India Times https://ift.tt/2LS59JQ
Social Plugin