भोपाल। मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग में फर्नीचर खरीदी घोटाला अंजाम दिया जा रहा है। सरकार चाहे तो इस घोटाले को घटने से पहले ही रोक सकती है या फिर किसी आरटीआई एक्टिविस्ट को इस मामले में व्हिसल ब्लोअर बनना पड़ेगा। घोटाला होने जा रहा है, यह विश्वास के साथ इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि फर्नीचर खरीदने अफसरों ने टेंडर में अजीब शर्त जोड़ दी है। शर्त यह है कि फर्नीचर उसी से खरीदा जाएगा जिसे हेरिटेज होटल या हेरिटेज बिल्डिंग का अनुभव हो।
मंत्री के पास शिकायत पहुंची
बताया जा रहा है कि इस शर्त के आधार पर तीन कंपनियों के टेंडर आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। इन कंपनियों ने पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल को शिकायत की है कि विभाग के अफसर और आर्किटेक्ट ने जानबूझकर यह शर्त जोड़ी है, जो फर्नीचर सप्लाई किया जाना है, वो फैक्टरी में बनेगा और पूरी तरह पोर्टेबल है, यानी इसमें हेरिटेज वैल्यू या अनुभव की कोई जरूरत नहीं है। हेरिटेज की शर्त सिर्फ पुरातात्विक कार्यों के लिए ही अनिवार्य हो सकती है। ओरछा के शीशमहल होटल में फर्नीचर के लिए जो टेंडर निकाले गए हैं, उसमें जानबूझकर यह शर्त रखी गई है।
सिविल, इलेक्ट्रिकल, लैंड स्केपिंग और एसटीपी के लिए एक ही टेंडर
मंत्री को यह भी शिकायत की गई है पर्यटन विभाग कुछ चुनिंदा कॉन्ट्रेक्टर्स को फायदा पहुंचाने के लिए मनमाने ढंग से टेंडर कर रहा है। बीते दिनों पचमढ़ी की दो होटलों के लिए सिविल, इलेक्ट्रिकल, लैंड स्केपिंग, फायर फायटिंग और एसटीपी से जुड़े काम के एक ही टेंडर किए गए थे। आपत्ति के बाद विभाग ने इन टेंडरों को निरस्त किया। हालांकि कई स्थानों पर काम आवंटित कर दिए गए। मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि इसकी भी जांच की जाएगी।
जिन पर आरोप, उन्हीं को मिली जांच की जिम्मेदारी
फैज अहमद किदवई, एमडी, पर्यटन विकास निगम का कहना है कि विभागीय मंत्री ने हमें शिकायत भेजी है। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि किन परिस्थितियों के चलते टेंडर में यह शर्त जोड़ी गई है।
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