इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के बाद अब एक बार फिर लिबरल आर्ट या मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्सेस की डिमांड बढ़ रही है। मध्य प्रदेश और भोपाल में भी ऐसे कोर्स शुरू हो गए हैं। आरजीपीवी और निफ्ट के अलावा सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी ने भी ऑप्शन उपलब्ध कराए हैंं
दुनिया के लगभग सभी विकासशील देशाें में शुरुआती समय में शिक्षा के जरिए पूरा फाेकस युवाओं को सिर्फ तकनीकी और प्रबंधन का विशेषज्ञ बनाने पर रहा, ताकि युवाओं की स्किल्स का उपयाेग देश के विकास में लिया जा सके। इन दोनों ही स्किल्स में लगातार बढ़ती जा रही भीड़ और कम होते जा रहे युवा नेतृत्व को देखते हुए पूरी दुनिया में लिबरल आर्ट या मल्टी डिसिप्लिनरी कोर्सेस में युवाओं का रुझान बढ़ा है। यही वजह है कि अब भारत में उच्च शिक्षा दे रहे संस्थानों में भी ऐसे काेर्सेस शुरू किए गए हैं।
इसी क्रम में राजीव गांधी प्राैद्याेगिकी विवि (आरजीपीवी) में 2018 में मल्टी डिसिप्लिनरी काेर्स की शुरुआत हुई, जिसमें छात्राें काे इतिहास और साेशल साइंस से जुड़े विषय पढ़ने के विकल्प दिए गए। पिछले ही साल से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) के छात्रों को मेंडेटरी और ऑप्शनल विषयों के तौर पर गार्डनिंग, थिएटर, हिस्टोरिकल वॉक और सालसा या जुंबा जैसे विषय चुनने का ऑप्शन दिया जा रहा है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी ने भी अपने से संबद्ध स्कूलों के बच्चों के लिए 226 ऑप्श्नल विषयों की लिस्ट दी है।
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