ग्वालियर। सीवर लाईन जाम होने और गंदगी फैलाने के कारण भैंस और गाय को दूध डेयरियों को शहर से बाहर करने का अभियान चालू हो चुका है। अलग अलग टीमों ने 130 डेयरियों पर लाल निशान लगाये। साथ में यहां पशु पालकों को हिदायत दी कि वह एक सप्ताह में पशुओं को कहीं और शिफ्ट कर दें। जिनके घर में एक एक गाय भैंस मिली हैं वहां भी लाल निशान लगाये गये। इस मामले में एसडीएस प्रदीप सिंह तोमर ने कहा है कि मिल्क एण्ड मिल्क प्रॉडक्ट आर्डर 1992 में ऐसे पशु मालिकों के खिलाफ भी कार्यवाही का प्रावधान है। जिनके पास सिर्फ एक ही गाय या भैंस है पर वह उन्हें हाइजेनिक तरीक से नहीं रखते हैं और गोवर और गंदगी सडक़ पर फैलाते हैं।
लश्कर एसडीएम अनिल बनवारिया व तहसीलदार आरएन खरे के अनुसार पूरे दिन पटवारी व राजस्व निरीक्षकों ने 85 छोटी बड़ी डेयरियों पर लाल निशान लगाये। तहलदार शिवानी पांडे ने अपने क्षेत्र में 7 डेयरियों पर कार्यवाही की । वहीं एसडीएम प्रदीप तोमर की टीम कुल 28 डेयरियों पर लाल निशान लगाये हैं। सभी अधिकारियों ने कहा सभी पशु पालकों को एक सप्ताह का अल्टीमैटम दिया गया है। इन्हें इस दौरान नगर निगम से संपर्क कर पशुओं को कहीं और या ग्वालियर नगर में शिफ्ट करने की तैयारी होगी।
पिछले एक सप्ताह में शहर के अलग अलग स्थानों पर चल रहे 11 आरओ वाटर प्लांट बन्द हो चुके हैं। । इन्हें प्रशासन ने बन्द नहीं कराया बल्कि इनके संचालक स्वयं ही कार्यवाही के डर से प्लांट बन्द कर चले गये हैं। एसडीएम पुष्पा पुषाम व तहसीलदार नरेश गुप्ता को टीम ने बड़ागांव में नर्मदा बेवरेज को भी सील कर दिया। नर्मदा वर्मा पत्नी मनोहर वर्मा द्वारा यह प्लांट बिना किसी विभाग की मंजूरी के चल रहा था। खुरैरी में जांच से पहले ही संचालक प्लांट बंद कर भाग गया था।
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