भोपाल। नवीन शैक्षणिक संवर्ग में संविलियन की कार्यवाही तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार ने शुरू की थी जिसे वर्तमान कमलनाथ सरकार ने जारी रखा। जिले और संभाग स्तरीय कार्यवाही कराने सख्त निर्देश दिए गए। अधिकांश जिला और संभागों के सहायक अध्यापक और अध्यापकों की क्रमशः प्राथमिक शिक्षक और माध्यमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति के आदेश भी जारी हो गए। किन्तु दिए तले अंधेरा की कहावत को चरितार्थ करने के लिए वरिष्ठ अध्यापकों की उच्चतर माध्यमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति के आदेश भोपाल स्तर से जारी नहीं किये जा रहे हैं।
हालांकि लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा शिक्षा विभाग के विकासखंडों में कार्यरत वरिष्ठ अध्यापकों के आदेश जारी कर दिए गए किन्तु जनजातीय कार्यविभाग द्वारा वरिष्ठ अध्यापकों के उच्चतर माध्यमिक शिक्षक में नियुक्ति के आदेश नहीं किए गए हैं। जब तक उच्चतर माध्यमिक शिक्षक के आदेश जारी नहीं होते, अध्यापक संवर्ग को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिल सकेगा। वरिष्ठ अध्यापक चाहते हैं कि उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ तुरंत मिले।
फिर न बन जाए, आचार संहिता का बहाना...
पिछली बार विधानसभा चुनाव के कारण अध्यापकों का नवीन शैक्षणिक संवर्ग में नियुक्ति की प्रक्रिया रोक दी गयी थी। नई सरकार के गठन के साथ ही यह प्रक्रिया प्रारंभ तो कर दी गयी, किन्तु भोपाल स्तर से चल रही सुस्त कार्यवाही के कारण प्रक्रिया अभी भी अधर में है। वरिष्ठ अध्यापकों को डर है कि कहीं लोकसभा चुनाव की आचारसंहिता के कारण एक बार फिर यह नियुक्ति प्रकिया बाधित न हो जाए। प्रदेश भर के जनजातीय कार्यविभाग के वरिष्ठ अध्यापकों की मांग है कि जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत कार्यरत वरिष्ठ अध्यापकों का उच्चतर माध्यमिक शिक्षक में नियुक्ति कर सातवे वेतनमान का लाभ दिलाया जाए।
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