मेहलक़ा अंसारी, ब्यूरो चीफ बुरहानपुर (मप्र), NIT:
विशेष सत्र न्यायालय बुरहानपुर (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) के पीठासीन न्यायधीश श्री राजेश नंदेश्वर द्वारा आरोपी माल सिंह (25) पिता केरिया कोरकू, निवासी ग्राम निम्ना, जिला बुरहानपुर को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 26000/- रूपये का अर्थदण्ड के जुर्माने से दंडित किया गया।
प्रकरण की विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुये अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी/ विशेष लोक अभियोजक श्री रामलाल रन्धावे द्वारा बताया कि घटना दिनांक 21-01-2018 को ग्राम निम्ना में फरियादी ने अपनी 15 वर्षीय बालिका को कहा कि मैं और तुम्हारी मॉ खेत पर काम करने जा रहे है। शाम को वापस आयेंगे। शाम 4 बजे जब फरियादी घर पर आया तो उसने देखा कि घर पर उसकी 15 वर्षीय बालिका नही है। जिसको आस-पास तलाश किया तो वह कहीं नहीं मिली। घटना के बारे में फरियादी ने अपने रिश्तेदारों को बताया। रिश्तेदारों के साथ भी बालिका को ढुंढा लेकिन बालिका नहीं मिली, तभी गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि आरोपी मालसिंह भी गांव में नहीं है, शायद वही बालिका को बहला फुसला कर कहीं ले गया है, तो फरियादी ने आरोपी मालसिंह को फोन लगाया तो उसका फोन भी बंद आया।
फरियादी ने घटना की सूचना थाना नेपानगर में दर्ज करायी थी। थाना नेपानगर के सहायक उपनिरीक्षक रामचन्द्र सांवले ने विवेचना के दौरान आरोपी मालसिंह के कब्ज़े से दिनांक 25.03.2018 को बालिका जप्त कर उसके कथन लेखबध्द किये थे। कथनों के दौरान विवेचना में पाया कि आरोपी मालसिंह ने पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए हैं, इस कारण से पीड़िता का मेडिकल कराया व पीड़िता को न्यायालयीन कथन के लिए न्यायालय में भेजा। इसके पश्चात विवेचना पूर्ण कर आरोपी के विरूध्द धारा भादवि की 363, 366, 376(2) और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 2/6 के अंतर्गत चालान माननीय न्यायालय में पेश किया।
प्रकरण में सफलता पूर्वक पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी/विशेष लोक अभियोजक श्री रामलाल रन्धावे द्वारा की गई। विचारण पश्चात मा न्यायालय ने आरोपी को धारा भादवि की 363 में 5 वर्ष सश्रम कारावास एवं 2000 अर्थदण्ड, भादवि की धारा 366 में 5 वर्ष सश्रम कारावास एवं 2000 अर्थदण्ड 5, 376 (2) आई (एन) भादवि. में 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10000 अर्थदण्ड , 506 भाग-2 भा.द.सं. 2 वर्ष सश्रम एवं 2000 रूपये अर्थदण्ड धारा 5 (एल) सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10000 रूपये का अर्थदण्ड से दंडित कराया। समस्त सजाएं एवं दण्ड एक साथ भुगताए जाने का आदेश न्यायालय द्वारा दिया गया। धारा 357 द.प्र.स. के तहत 20000 रूपये प्रतिकर के रूप में पीड़िता को दिलाए जाने का आदेश मा. न्यायालय द्वारा दिया गया।
from New India Times http://bit.ly/2MDkdty
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