जायरा ने अपने अनुभव शेयर करते हुए अपने ख़त में लिखा कि हर रोज पांच एंटिडिप्रेसेंट लेना, एंग्जाइटी के दौरे पड़ना, अकेला और निराश महसूस करना, अस्पताल की तरफ भागना, रात भर नींद ना आना और आत्महत्या तक करने लेने का ख्याल आना इस फेज का हिस्सा रहे हैं।
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