रोहित पाण्डेय कवरेज इण्डिया कोरांव।
इलाहाबाद | सरकार भले ही गावो के सम्पूर्ण विकास को लेकर पंचायती राज योजना के तहत कई योजनाओ के माध्यम से पानी की तरह पैसा बहा रही है और राज्य वित्त,मनरेगा,तेरहवा वित्त ,प्रधानमंत्री आवास योजना के अलावा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण को लेकर लगातार ग्रामीण विकास का ढिढोरा पीट रही है लेकिन सरकारी मंशा के अनुरूप गावो में विकास कार्य नही कराये जा रहे है और जमीनी हकीकत यह है की विकास कार्यो के लिए मिलने वाली धनराशि में जिम्मेदारों द्वारा जमकर बंदरबाट की जा रही है जिसकी वजह से गावो में विकास की गति नही दिख रही है जसरा विकास खंड के रेरा ग्राम पंचायत में ग्रामीणों
की शिकायत पर खण्ड विकास अधिकारी धर्मेश चंद्र पांडेय द्वारा की गयी स्थलीय जाँच में कई लाख का घोटाला उजागर हुआ है जिसमे ग्राम प्रधान एवं ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही एवं सरकारी धन के दुरूपयोग को लेकर रिकवरी की संस्तुति की गयी है शिकायत पर गांव में जाँच टीम के साथ पहुचे बीडीओ ने जब विकास कार्यो का स्थलीय सत्यापन शुरू किया तो पता चला की कई स्थानों पर बिना काम कराये ही धन का आहरण कर लिया गया है गांव पंचायत में श्याम शुन्दर के घर से महरानी चौरा तक खडन्जा निर्माण में 70 हजार रूपये का आहरण,राम वृक्ष पाल के घर से राधेश्याम पाल के घर तक खडन्जा निर्माण में 62 हजार का आहरण,भोला पुलिया से बरना तक सड़क मरम्मत के नाम पर 65 हजार का आहरण,भोला पुलिया से जुम्म्मन पाल के घर तक सड़क मरम्मत में 40 हजार रूपये का आहरण कागजो में दिखाया गया जबकि मोके पर कोई भी कार्य ही नही
कराया गया है इसी तरह से गांव में स्थित प्राथमिक स्कूलो के अलावा गांव में शौचालय निर्माण एवं मरम्मत के नाम पर पैसो का आहरण तो किया गया लेकिन काम पूरा नही कराया गया कही शौचालय में गड्ढे ही नही बनाये गए तो कही पर दीवाल का निर्माण मानक के हिसाब से नही कराया गया इसके अलावा स्थलीय जाँच में सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना में भी 10 से लेकर 20 हजार रूपये की वसूली प्रधान एवं उसके गुर्गो द्वारा लाभार्थियों से की गयी गांव के सूबेदार पुत्र श्री प्रभु ने जाँच टीम के सामने ही सपथ पत्र में आरोप लगाया की उससे आवास में 10 हजार रूपये प्रधान पति ने ले लिया इसके अलावा प्रधान एवं उसके गुर्गो द्वारा आवास के लाभार्थियों को पैसा न देने पर आवास की किश्त न जारी करने की भी धमकी दी है खण्ड विकास अधिकारी के मुताबिक वर्ष 2017-18 में विकास कार्यो के लिए मिली लगभग 20 लाख रूपये की धनराशि में 17 लाख रूपये खर्च दिखाए गए लेकिन विकास कार्यो से सम्बंधित अभिलेख नही प्रस्तुत किये जा सके जिस पर जाँच अधिकारी द्वारा ग्राम प्रधान पर 95 (1)जी एवं सचिव अनिल कुमार सिंह पर भी कड़ी कार्यवाही के साथ ही गबन की गयी धनराशि की वसूली की रिपोर्ट अफसरों को सौपी गयी है अब देखने वाली बात होगी की आखिर मामले के दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही अमल में लायी जाती है फिलहाल जाँच में उजागर हुये घोटाले को लेकर विकास खण्ड में हड़कम्प मचा हुआ है खण्ड विकास अधिकारी धर्मेश चंद्र पांडे का कहना है की जिन गावो में अनियमितता की शिकायत मिल रही है वहा जाँच की जायेगी और दोषियों को बख्शा नही जायेगा !
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