सीट रहे चाहे खाली, चरम पे टिकट दलाली, जंघई में टिकट दलाल सक्रिय, अधिरकारी मौन


कवरेज इण्डिया न्यूज डेस्क।
जंघई (जौनपुर)। जंघई रेलवे स्टेशन पर टिकट दलाली कोई नई बात नहीं और न ही कोई ऐसा व्यक्ति है जिसे इस कर्मकांड के बारे में पता न हो फिर चाहे वो आम नागरिक हो या फिर स्थानीय आरपीएफ व जीआरपी पर स्थिती जस की तस। सब कुछ पता होने के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन कान में तेल डालकर कुंभकर्णी नीद सोता रहता है जबकि इस टिकट दलालों के चक्कर में आम आदमी अपनी गाढ़ी कमाई पानी की तरह बहा रहा है। दरअसल जंघई आरक्षण केन्द्र से लगभग बीस किलोमीटर चौतरफा जैसे मछलीशहर, मीरगंज, बंधवा, जरौना, सरायकंसराय, दुर्गागंज, बेला, वारी, चंपापुर, राचनपुर, अनुआं, चौका, जंघई, असवां, नेदुला, उग्रसेनपुर, बरियारामपुर आदि से साथ ही जंघई परिक्षेत्र के यात्री रिजर्वेशन कराने आते हैं।सुबह ये ही घंटों लाइन में लगे रहने के बाद जिन्हें टिकट खिड़की पर यह जवाब मिलता है कि रिजर्वेशन नहीं है यानि के सीट फुल है आप कहें तो वेटिंग दे दूं जबकि मार्केट में टहल रहे पेटेंट दलाल उसी दिन, उसी ट्रेन में रिजर्वेशन दिलाने का दंभ भरते हैं और दिलाते भी हैं फर्क सिर्फ इतना रहता है कि इसके लिए वो टिकट की कीमत का तिगुना दाम वसूलते हैं।

दरअसल ये पूरा मामला आरपीएफ व जीआरपी के संज्ञान में होता है पर वह जानबूझकर कार्यवाही नहीं करते। कारण एकदम साफ है कि इन टिकट दलालों के माध्यम से उनको प्रत्येक माह एक मोटी रकम उपलब्ध कराई जाती है जिसमें टिकट बाबू की भी मिलीभगत होती है। अभी कुछ वर्ष पहले ही लखनऊ से आई टीम ने जंघई आरक्षण केन्द्र से एक टिकट बाबू को रंगे हांथों पकड़ा भी था। स्थानीय लोगों की शिकायतें लगातार आरपीएफ व जीआरपी ते पास जाती हैं पर इनके कान पल जूं तक नहीं रेंगता। टिकट दलालों का नेटवर्क पूरी तरह से जंघई आरक्षण केन्द्र पर फैला हुआ है जिसमें स्थानीय टिकट दलालों सहित कुछ अगल बगल के भी दलाल शामिल हैं।
टिकट दलाली के बारे में ऐसी कोई सूचना नही है हमने अपने यहां टिकट दलाली पूर्ण रूप से बंद करवा दिया है, फिर भी कल सुबह से कुछ अतिरिक्त आरपीएफ जवानों की ड्यूटी आरक्षण केन्द्र पर पर लगवा दे रहा हूं।
रोहतास 
(आरपीएफ प्रभारी जंघई)