भोपाल। खबर चौंकाने वाली है। अब तक भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो रहे थे लेकिन अब मध्य प्रदेश के जंगलों में भरपूर ऑक्सीजन लेवल और स्वच्छ वातावरण में बिना भीड़भाड़ के गश्त करने वाले फॉरेस्ट गार्ड ना केवल संक्रमित हो रहे हैं बल्कि 125 से ज्यादा वन रक्षकों की मौत हो चुकी है। डिपार्टमेंट के रिकॉर्ड के अनुसार 1000 से ज्यादा वनरक्षक कोरोनावायरस से संक्रमित हुए हैं।
संरक्षित वन क्षेत्र और बाघ वाले इलाकों में तैनात कर्मचारी संक्रमित
मध्य प्रदेश के वन विभाग में 14 हजार से ज्यादा सुरक्षा कर्मचारी जंगल की हिफाजत कर रहे हैं। इनमें से करीब 3000 वनकर्मी संरक्षित क्षेत्रों में पदस्थ हैं, पर पिछले एक महीने से कोरोना संक्रमण के कारण इनकी सेवाएं पूरी तरीके से नहीं मिल पा रही है। वन्यप्राणी मुख्यालय के मुताबिक संरक्षित क्षेत्र और जिन क्षेत्रों में बाघों की आवाजाही ज्यादा है, उनमें एक हजार से ज्यादा वनकर्मी कोरोना से संक्रमित हैं।
सैकड़ों फॉरेस्ट गार्ड ड्यूटी छोड़कर भागे, कुछ डबल ड्यूटी कर रहे हैं
इनमें से कुछ कर्मचारी गंभीर बीमार हैं, जो अस्पतालों में भर्ती हैं, तो कुछ अपने घरों में आइसोलेट हैं। इस स्थिति को देखते हुए सेवाएं दे रहे कुछ वनकर्मी ड्यूटी से नदारत हैं, तो कुछ को दोहरी जिम्मेदारी संभालना पड़ रही है। इस कारण जंगल में नियमित गश्त नहीं हो पा रही है और कोई डर न होने के कारण लकड़ी चोरी और शिकारी गतिविधियां बढ़ गई हैं।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले
पिछले एक महीने में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और आसपास दो बाघों की मौत हुई है। इसकी मुख्य वजह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर सहित कुछ और मुख्य अधिकारियों को संक्रमित होना है। दूसरे संरक्षित क्षेत्रों में भी अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में संक्रमित हैं जिससे रात की निगरानी पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है।
वन मंत्री को भी बता चुके हैं, जंगल में CORONA वायरस है
कर्मचारी कम होने के कारण यह भी ध्यान नहीं रख पा रहे हैं कि जंगल में वन्यप्राणियों की प्यास बुझाने के लिए पानी है या नहीं। पिछले दिनों वनमंत्री विजय शाह ने विभाग के कार्यों की समीक्षा की थी जिसमें इन बिंदुओं पर चर्चा भी हुई थी और मंत्री ने बाघ-तेंदुओं की मौत के बढ़ते मामलों पर नाराजगी जताते हुए निगरानी बढ़ाने और जंगल में पानी का इंतजाम करने के निर्देश दिए थे।
मात्र 1 महीने में 125 वनकर्मियों की मौत
वन मुख्यालय के मुताबिक एक महीने के कोरोना काल में प्रदेश में सवा सौ से ज्यादा वनकर्मियों की संक्रमण से मौत हो गई है जिससे मैदानी कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। अधिकारी बताते हैं कि ड्यूटी पर रहते हुए कोरोना से मौत के मामलों में मृतकों के स्वजन को अनुकंपा नियुक्ति दी जाना है, पर इसमें अभी समय लगेगा।
ऑफिशियल स्टेटमेंट
प्रदेश में बाघों की मौत के आंकड़े बढ़ना दुखद है, पर मैदानी स्थिति भी ठीक नहीं है। प्रदेशभर में एक हजार से ज्यादा वनकर्मी संक्रमित हैं और सवा सौ से ज्यादा की मौत हो चुकी है। इससे नियमित गश्त प्रभावित हुई है, जिसे पटरी पर लाया जा रहा है।
- आलोक कुमार, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक (मध्य प्रदेश)
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