Madhy pradesh mukhyamantree kovid-19 jan kalyaan yojana
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों कोविड-19 जन कल्याण योजना की घोषणा की थी जिसके तहत कोरोनावायरस के संक्रमण से मृत व्यक्ति के अनाथ बच्चों को ₹5000 मासिक पेंशन देने की घोषणा की गई थी। मध्यप्रदेश शासन के श्रम विभाग ने इस योजना के नियम एवं शर्तें घोषित कर दिए हैं।मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कोविड-19 जन कल्याण योजना पात्रता के नियम
काेरोना से अनाथ हुए बच्चों को 21 साल की उम्र तक हर महीने 5 हजार रुपए की पेंशन दी जाएगी।
यह योजना 30 मार्च 2021 से 31 जुलाई 2021 तक कोरोनावायरस के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए लागू रहेगी। यानी यदि कोई बच्चा 30 मार्च 2021 से पहले या फिर 31 जुलाई 2021 के बाद कोरोनावायरस के संक्रमण से अनाथ हो जाता है तो उसे योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
योजना का लाभ उन्हीं बच्चों को मिलेगा जिनके माता-पिता अथवा अभिभावक की कोरोनावायरस के संक्रमण से तुरंत अथवा ठीक हो जाने के 2 महीने के भीतर मृत्यु हो गई हो।
कोरोनावायरस से पीड़ित व्यक्ति को यदि ब्लैक फंगस हुआ और इससे उसकी मौत हो गई तो अनाथ बच्चों को योजना का लाभ मिलेगा या नहीं, स्पष्ट नहीं किया गया है।
योजना का लाभ केवल उसी अनाज परिवार को मिलेगा जिसे अन्य किसी भी प्रकार की सरकारी पेंशन का लाभ ना मिलता हो।
यदि मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ मिला है तो फिर इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कोविड-19 जन कल्याण योजना: कोरोना से मौत कैसे मानेंगे
मध्य प्रदेश शासन के श्रम विभाग द्वारा जारी नियमों के अनुसार यदि किसी शासकीय मान्यता प्राप्त डॉक्टर ने कोरोनावायरस के संक्रमण से मृत्यु की पुष्टि की है तभी योजना का लाभ दिया जाएगा। यदि किसी व्यक्ति की अस्पताल में भर्ती होने से पहले मृत्यु हो गई अथवा सैंपल कलेक्ट किए जाने से पहले ही मृत्यु हो गई तब कोई लाभ नहीं दिया जाएगा।
ऐसे व्यक्ति जिनकी सैंपल कलेक्ट होने के बाद मृत्यु हो गई और बाद में जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई, उनका क्या होगा, योजना में स्पष्ट नहीं किया गया है।
इलाज (ऑक्सीजन और इंजेक्शन जो सरकार की जिम्मेदारी है) के अभाव में मरने वालों के अनाथ बच्चों को इस योजना के तहत लाभान्वित नहीं किया जाएगा।
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कोविड-19 जन कल्याण योजना के लिए कहां आवेदन करें
श्रम विभाग के आदेश के मुताबिक कोविड से माता-पिता या अभिभावक की मौत होने पर अनाथ हुए बच्चों के पालन-पोषण की योजना का लाभ लेने के लिए शहरी क्षेत्र में नगर निगम आयुक्त अथवा नगर पालिका या नगर परिषद के सीएमओ और ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत के सीईओ को आवेदन करना होगा। इसके बाद कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति इसे मंजूर करेगी।
यदि बाहरी बच्चा मध्यप्रदेश में अनाथ हुआ तो क्या MCJKY का लाभ मिलेगा
पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के अनुसार पात्रता न होते हुए भी हर माह राशन और पहली से पीएचडी तक निशुल्क शिक्षा देने का प्रविधान किया गया है। इसका लाभ एक मार्च 2020 के बाद कोरोना से मृत लोगों के आश्रित बच्चों को मिल सकेगा। योजना का लाभ केवल मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को ही मिलेगा। आवेदन के साथ बर्थ सार्टिफिकेट, कोरोना से माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु का मेडिकल बोर्ड से प्रमाण पत्र देना होगा।
मुख्यमंत्री कोविड-19 जन कल्याण योजना: क्या मिलेगा, क्या नहीं
अनाथ परिवार को जीवन यापन के लिए ₹5000 मासिक पेंशन।
बच्चे की कक्षा 1 से लेकर पीएचडी तक निशुल्क शिक्षा।
कक्षा 8 तक RTE के तहत प्राइवेट स्कूल में और उसके बाद सरकारी स्कूल में।
सरकार सिर्फ ट्यूशन फीस देगी। बाकी सभी खर्चे अनाथ बच्चे को स्वयं वहन करने होंगे।
पात्रता के अनुसार स्कॉलरशिप दी जाएगी।
उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा संस्थान अनाथ बच्चों से एडमिशन फीस नहीं लेंगे।
पढ़ाई के दौरान 10 महीने तक ₹1500 मासिक गुजारा भत्ता मिलेगा।
पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए नगर निगम सीमा क्षेत्र में ₹500 और नगर पालिका सीमा चित्र में ₹300 मासिक परिवहन भत्ता मिलेगा।
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