एक बार एक जिज्ञासु बालक और उसके शिक्षक थे। एक दिन बालक ने गुरुजी से पूछा: - गुरु जी! हम सभी भगवान की संतान हैं, फिर भगवान हमें दर्द और दुःख क्यों देंगे, भगवान हर समय हम सभी को खुशी क्यों नहीं देते हैं।
गुरुजी ने बच्चे से एक सवाल पूछा: - मुझे बताओ कि इस दुनिया में आपका पसंदीदा व्यंजन कौन सा है।
बच्चे ने जवाब दिया:- गुलाब जामुन!
गुरु ने बच्चे को 5 गुलाब जामुन दिए और कहा कि अब इन्हें खाओ।
खुशी और उत्साह के साथ बालक ने पहले एक गुलाबजामुन खाया!
फिर उसने दूसरा खाया और शुक्रिया करते हुए कहा कि प्रभु वाह!
फिर उसने तीसरा खाया लेकिन उसके चेहरे पर ना तो उत्साह था और ना ही शुक्रिया।
चौथा गुलाब जामुन खाते हुए उसने कहा कि बस बहुत हो गया, मेरा पेट भर गया है।
गुरुजी ने आदेश पूर्वक पांचवा गुलाब जामुन खिला दिया। उसने निवेदन करते हुए कहा कि और अधिक नहीं खा सकता हूं अब!
गुरुजी ने हंसते हुए कहा: यह तो तुम्हारी पसंदीदा डिश है फिर भी केवल 5 खा पाए हो।
बच्चे ने कहा नहीं सर मैं नहीं खा सकता!
शिक्षक ने कहा कि इसलिए भगवान लगातार खुशी नहीं देते हैं!
हर समय खुशी, खुशी और संतुष्टि नहीं देते हैं।
वह कुछ - कुछ समय मसालेदार (उदासी), कड़वे (असंतोष) और खट्टे (आँसू) भी बेटा रहता है ताकि खुशी फीकी न हो जाए।
लेखक:- निखिल पाटीदार imnpatidar@gmail.com
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