अबरार अहमद खान/मुकीज़ खान, भोपाल (मप्र), NIT:

एक तरफ जहाँ पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ भोपाल की भाजपा विधायक कृष्णा गौर अपने समर्थकों के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंन्त्री ममता बैनर्जी के खिलाफ धरना देकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।
ऐसे में मध्यप्रदेश कॉंग्रेस कमेटी विधि एवं मानव अधिकार विभाग के प्रदेश प्रवक्ता सैयद ख़ालिद क़ैस ने सवाल उठाते हुऐ कहा कि जब कलेक्टर के आदेश से धरना प्रदर्शन पर रोक के साथ धारा 144 लगाई गई है तो गोविंदपुरा विधानसभा की भाजपा विधायक कृष्णा गौर ने कैसे प्रदर्शन किया? किसकी अनुमति से पंडाल लगा, धरना हुआ, लोग जमा हुऐ और यदि बिना अनुमति के यह सब हुआ तो पुलिस प्रशासन ने कार्यवाही क्यों नहीं की? यह कैसा कानून आमजन गरीब मज़दूर भूख प्यास और बेरोज़गारी से घरों में दम तोड़ रहे हैं और नेताओं को अपनी नेतागीरी चमकानी सूझ रही है। गरीब घर से निकले तो जुर्माना, जेल और नेता धरने पर बैठे तो ख़ामोशी। शिवराज सरकार में यह दोहरी नीति जन विरोधी है।
सैयद ख़ालिद क़ैस ने गोविंदपुरा विधानसभा की भाजपा विधायक कृष्णा गौर पर आरोप लगाया कि भोपाल की जनता ऑक्सीजन और उपचार के आभाव में दम तोड़ रही थी तब कहाँ थी भाजपा विधायक कृष्णा गौर? आज ममता बैनर्जी के खिलाफ धरने की फुर्सत मिल गई। जनता ने सेवा के लिए चुना है राजनैतिक रोटियां सेकने के लिए नहीं।
सैयद ख़ालिद क़ैस ने कलेक्टर अविनाश लवानिया और डीआईजी इरशाद वली पर भी निशाना साधते हुए कहा कि धरने की अनुमति किसने और कैसे दी और यदि बिना अनुमति के धरना हुआ तो अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई? कॉंग्रेस कमेटी मांग करती है कि अविलम्ब गोविंदपुरा विधानसभा की भाजपा विधायक कृष्णा गौर सहित भाजपा मिसरोद प्रखंड की टीम के खिलाफ धरना देने पर लॉक डाउन उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया जाए।
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