भोपाल। धारा 144 के तहत किसी भी प्रक्रिया को रोक देना सबसे आसान काम है, मुश्किल है प्रबंधन करना। पिछले कुछ दिनों से राजधानी भोपाल में प्रबंधन के बजाय प्रतिबंध पर जोर दिया जा रहा है। नतीजा किसान और आम जनता दोनों परेशान हैं जबकि जिनके गोदामों में माल भरा हुआ है वह कालाबाजारी कर रहे हैं।
भोपाल में मंडी बंद, ब्लैक मार्केटिंग शुरू
भोपाल शहर में धारा 144 के तहत फल एवं सब्जी की थोक मंडी बंद कर दी गई है। पुलिस फोर्स को डंडा लेकर तैनात कर दिया गया है। किसान को देखते ही डंडे मार कर मंडी से भगाया जा रहा है। जिसके कारण शहर में टमाटर और अन्य सब्जियां नहीं आ रही है। नतीजा शहर में टमाटर ₹40 किलो तक पहुंच गया है।
भोपाल में टमाटर: गांव में किसान सड़क पर फेंक रहे हैं
किसान और मंडी के बीच में पुलिस आकर खड़ी हो गई है। किसान के पास गोदाम नहीं है। किसान सीधे शहरों में आकर टमाटर नहीं बेच सकता। उसे मंडी की आदत पड़ गई है। यही कारण है कि पुलिस के डंडे खाकर वापस गांव की तरफ लौटने वाले किसान सड़कों पर और अपने खेतों के बाहर मेड पर टमाटर फेंक रहे हैं।
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