भोपाल। हनी ट्रैप मामले में डीजीपी वीके सिंह टारगेट पर आ गए हैं। उधर डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने डीजीपी वीके सिंह पर उन्हे बेवजह बदनाम करने का आरोप लगाया तो इधर सीएम कमलनाथ भी नाराज बताए जा रहे हैं। वो हनी ट्रैप मामले में डीजीपी वीके सिंह की पूरी कार्यप्रणाली से ही नाराज हैं।
SIT चीफ की नियुक्ति बिना CM की जानकारी के कर दिया
हनी ट्रैप मामले में एसआईटी के गठन की प्रकिया से सीएम संतुष्ट नहीं हैं। दरअसल, पहले आईजी सीआईडी डी. श्रीनिवास वर्मा को एसआईटी चीफ बनाया गया, लेकिन 24 घंटे के अंदर ही एटीएस एडीजी संजीव शमी को इसकी कमान सौंप दी। बताया जाता है कि इसकी सूचना तक सरकार को नहीं दी गई। बाद में डीजीपी ने तर्क दिया है कि पूर्व में भी एसआईटी का गठन इसी प्रक्रिया से किया गया है। बालाघाट समेत अन्य मामलों में एसआईटी का गठन डीजीपी ने अपने स्तर पर बिना सरकार की मंजूरी के किया है।
कमलनाथ नाराज हुए तो पुलिस मुख्यालय में सन्नाटा छा गया
जबकि सरकार अपने स्तर पर विचार कर रही थी कि मामले की जांच किसी अन्य एजेंसी को सौंप दी जाए, लेकिन सवाल खड़े हुए कि इससे सरकार की छवि खराब होगी। मामले में पहले कमलनाथ ने गृह विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा से जांच के बारे में फीडबैक लिया तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अभी तक उन्हें इस मामले में किसी ने कोई जानकारी नहीं दी है। बाद में मुख्यमंत्री ने शमी को तलब कर रिपोर्ट ली। सीएम की नाराजगी के बाद मामले में फिलहाल सभी अधिकारियों ने पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। प्रमुख सचिव गृह एसएन मिश्रा का कहना है कि अभी इस मामले में कुछ भी कहना उचित नहीं है। जांच चल रही है। वहीं डीजीपी ने नो कमेंट्स कहकर बात करने से इनकार कर दिया है।
from Bhopal Samachar | No 1 hindi news portal of central india (madhya pradesh) https://ift.tt/2mziP2e
Social Plugin