नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पांच साल से पहले ईपीएफ खाता बंदकर पूरा भुगतान लेने पर टीडीएस कटौती का नियम सख्त कर दिया है। इस अवधि में भुगतान लेने पर 10 से 34 फीसदी तक का टैक्स काटा जाएगा। हालांकि, नौकरी के पांच साल पूरे होने के बाद से रिटायरमेंट तक पैसे निकालने पर कोई कटौती नहीं होगी। ईपीएफओ ने इस नियम को संयुक्त दावा प्रपत्र में दर्ज भी कर दिया है।
दरअसल, संविदा और आउटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मचारी जल्दी-जल्दी अपने खाते बंद कर रहे हैं। अब अगर पांच साल से पहले ईपीएफ खाता बंद कर रहे हैं तो पैन और फॉर्म 15-जी लगाना न भूलें। ये दोनों दस्तावेज देने पर 10 फीसदी टीडीएस कटेगा अन्यथा 34.608 फीसदी टैक्स काटा जाएगा।
बाद में इस धनराशि को वापस पाने के लिए अंशधारकों को चक्कर लगाने पड़ेंगे, क्योंकि अंशधारक के नाम से टीडीएस जमा होगा। वहीं, पांच साल के बाद या रिटायरमेन्ट पर पूरा भुगतान लेने पर पैन और फॉर्म 15-जी अनिवार्य नहीं होगा। इनके बिना ही पूरा भुगतान बिना किसी टैक्स कटौती के किया जाएगा। ईपीएफओ ने संयुक्त दावा प्रपत्र में रिटायरमेन्ट से एक साल पहले और वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना में निवेश के लिए 90 फीसदी एडवांस का प्रावधान भी लागू कर दिया है।
वहीं, ईपीएफओ सीबीटी के सदस्य राम किशोर त्रिपाठी का कहना है कि टीडीएस के प्रावधान में छूट दी जानी चाहिए। हर साल हजारों कर्मचारियों के ईपीएफ खाते पांच साल की अवधि पूरी करने से पहले ही बंद हो जाते हैं। वे पैन कार्ड भी नहीं बनवा पाते हैं। इसलिए इसमें छूट दी जानी चाहिए। सीबीटी में इस मामले को रखा जाएगा।
from Bhopal Samachar | No 1 hindi news portal of central india (madhya pradesh) https://ift.tt/2oa1RYH
Social Plugin