इंदौर। सुपरलाइट इंफोटेक कंपनी (Superlight Infotech Company) ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर आए युवकों को नौकरी देने के नाम पर 25-25 हजार रुपए जमा कराए। फिर उनसे दो महीने काम कराया और सैलरी भी नहीं दी। अचानक कंपनी के कर्ताधर्ता लापता हो गए। उन्होंने फोन उठाना भी बंद कर दिया। सभी युवकों ने लसूड़िया थाने में इसकी शिकायत की है।
युवकों ने सोमवार को शिकायत की कि 100 से ज्यादा युवकों के साथ सुपरलाइट इंफोटेक कंपनी के मैनेजर शिवांक राणा (Manager Shivank Rana) ने 25 लाख की धोखाधड़ी (Fraud) की है। फरियादी शुभम (Shubham)और उसके साथियों का कहना था कि यह कंपनी 6 महीने पहले फैजाबाद यूपी के मालिक वेदप्रकाश शुक्ला के नाम से रजिस्टर्ड हुई थी, जिसमें सॉफ्टवेयर बनाने का काम होता था। संचालक ने कंपनी में शिवांक राणा को मैनेजर रखा था। उसके साथ शाजिया वारसी (Shazia Warsi) भी काम संभालती थी।
JOB के लिए देशभर से BE, B.Tech और अन्य इंजीनियर पहुंचे
कंपनी ने दो महीने पहले नौकरी के लिए नियुक्ति निकाली थी। कंपनी में नौकरी करने के लिए देशभर से करीबन 100 से ज्यादा बीई, बीटेक और अन्य इंजीनियर पहुंचे। शिवांक और उसकी कंपनी ने हर कर्मचारी से काम करने के लिए 25-25 हजार रुपए लेकर बांड भराया। फिर शुरुआत के 11 दिन की सैलरी भी दी। बाद में दो महीने तक किसी को भी सैलरी नहीं दी, जबकि वे अन्य कर्मचारियों की भर्ती करते रहे।
दो दिन पहले अचानक मैनेजर ने सभी कर्मचारियों को मैसेज किया कि कंपनी अब 1 सितंबर से विजय नगर के बिजनेस पार्क में लगेगी। कर्मचारी वहां पहुंचे तो कंपनी के नाम से कुछ भी नहीं था। ऑफिस का भी ताला लगा रहा। जब मैनेजर व अन्य लोगों को फोन लगाया तो उनके मोबाइल बंद मिले। कर्मचारियों ने उनकी सभी जगह खोजबीन की, लेकिन कहीं पता नहीं चला। ऑफिस मैनेजर शिवांक के साथ शाजिया और एक ऑफिस बॉय प्रदीप भी लापता है। वे सभी इंजीनियर से करीब 30 लाख रुपए ठग कर फरार हो गए। कुछ युवकों के पास तो उनके घर जाने के रुपए भी नहीं है। वे रोजाना कंपनी और थाने के चक्कर काट रहे हैं।
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