जबलपुर। ग्वारीघाट के नर्मदा तट जिलहरीघाट पर शाम करीब सात बजे बकरे की बलि देने की अफवाह को लेकर बजरंग दल ने हंगामा मचा दिया। जब इस मामले की जांच की गई, तो पता चला कि बकरे को पूजा के लिए ही लाया गया था और उसकी बलि देने का कोई इरादा नहीं था। पूजन के लिए जुटे परिजनों का कहना था कि वे सवेरे से ही पूजा-पाठ के लिए नर्मदा तट पर पहुँचे हैं। यहां पर उन्होंने बाकायदा भंडारा भी किया है। पता नहीं किसने यह अफवाह फैला दी है कि वे बलि देने के लिए आए हैं।
शाम को जैसे ही बजरंग दल के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और उन्होंने विरोध शुरू किया, तो सीएसपी अखिल वर्मा भी पहुंच गए। उन्होंने दोनों पक्षों को बुलाकर पूछताछ की और फिर समझाइश देकर दोनों पक्षों को रवाना कर दिया। इस मामले में भंडारा करने के लिए अधारताल से आए अभिषेक दुबे (Abhishek Dubey) एवं सराफा के हेमन्त सोनी (Hentant soni) ने पुलिस को जानकारी दी है कि वे पूजा-पाठ में विश्वास रखते हैं और नर्मदा तट पर बलि कैसे दे सकते हैं। बकरे को केवल पूजा के लिए ही लाया गया था। उनके साथ महिलाओं ने भी इस बात का यकीन दिलाया कि वे मांसाहारी नहीं है। कुछ लोगों को इस बात से गलतफहमी हो गई कि वे बकरे की बलि देने के लिए आए हैं।
दोनों पक्षों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर करीब डेढ़ घंटे तक चला। इस दौरान यह बात भी सामने आई कि पूजा करने के लिए आया परिवार अपने साथ बकरा क्यों लेकर आया था। इसके जवाब में अभिषेक दुबे का कहना था कि उनके यहाँ बकरे की भी पूजा होती है, लेकिन वे उसकी बलि नहीं देते हैं। बकरे को केवल पूजा के लिए ही लाया गया था।
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