भोपाल। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री रहे रामकृष्ण कुसमरिया ने विधानसभा चुनाव में बगावत करके 2 सीटों से चुनाव लड़ा, दोनों पर कुसमरिया तो नहीं जीते लेकिन भाजपा हार गई। अब रामकृष्ण कुसमरिया ने फिर भाजपा को आंख दिखा दी है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वो लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। निर्दलीय लड़ेंगे या किसी पार्टी से लड़ेंगे यह अभी तय नहीं हुआ है।
बाबूलाल गाैर से गुर सीखने आए थे कुसमरिया
पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया बीते रोज भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गाैर से मिलने आए थे। कहा जा रहा है कि वो बाबूलाल गाैर से गुर सीखने आए थे कि भाजपा हाईकमान पर दवाब कैसे बनाएं। बता दें कि सरताज सिंह ने बागी होकर कांग्रेस के टिकट पर और रामकृष्ण कुसमरिया ने बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन दोनों हार गए जबकि बाबूलाल गाैर ने बगावत की धमकियां तो दीं परंतु चुनाव नहीं लड़ा बल्कि अपनी बहू को टिकट दिलाने में कामयाब हुए। अब लोकसभा टिकट के लिए राजनीति शुरू कर दी है।
रामकृष्ण कुसमरिया ने करीब आधा घंटे तक बाबूलाल गौर से राजनीति से गुर सीखे। बाहर निकलकर कुसमरिया ने कहा कि जहां से सम्मानजनक स्थिति होगी, वे उस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हमने हथियार नहीं डाले हैं। उन्होंने संकेत दिए कि वे लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में सम्मान न मिलने से वरिष्ठ नेता एकजुट हो रहे हैं। इसका लोकसभा चुनाव पर असर पड़ेगा।
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