वी.के.त्रिवेदी, पीलीभीत/लखनऊ, NIT;
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिला के बीसलपुर में दिमागी बुखार से अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि दर्जनों लोग बुखार से प्रभावित हैं। बीसलपुर के गांव बैरा, अमृता, करमापुर माफी, भोगापुर, मीरपुर गिंद, गोबल में बुखार का प्रकोप है। गांव गोबल में एक दर्जन लोग बुखार की चपेट में है। वहीं गांव भोगापुर में मियादी बुखार से एक बच्चे सहित तीन की मौत की अंशकजताई जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग इस ओर लापरवाह बना हुआ है। शिकायत के बाद भी कोई ख़ास ध्यान न देना विभाग की आदत में सुमार हो गया है। जिसके चलते लोग झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज़ कराने को मजबूर हैं। बुखार से गोवल निवासी नन्ही देवी 45 बर्ष की मौत हो गई है। जबकि मृतक नन्ही देवी की 16 वर्षीय बेटी रितु की हालत गंभीर बताई जा रही है। गांव में एक दर्जन से अधिक लोग बुखार की चपेट में हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि जानकारी दिए जाने के बाद भी रोकथाम के लिए विभागीय स्तर पर कोई कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। बीसलपुर सीएचसी में चिकित्सकों की लापरवाही के चलते इलाज़ की कोई सुचारू व्यवस्था नहीं है। मजबूरन झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ रहा है। गांव भोगापुर निवासी सुरेश कश्यप ने बताया कि उचित इलाज़ न मिलने की वजह से उनका 12 साल का बेटा छोटू इस दुनिया को छोड़ गया है। आरोप है कि अधिकारी ठाकुर दास प्रत्येक फर्जी चिकित्सक से मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। यही वजह है कि इन फ़र्ज़ी चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
विधायक ने किया कई गांव का निरीक्षण
क्षेत्र के विधायक रामसरन वर्मा ने अधीक्षक ठाकुरदास गंगवार के साथ कई गांव का निरीक्षण किया। कई गांव बुरी तरह वायरल फीवर की चपेट में हैं। उपचार हेतु तत्काल टीम भेजने के निर्देश दिए है, लेकिन बावजूद इसके अभी तक कोई खास कदम नहीं उठाये जा सके हैं।
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