
कमलनाथ ने राहुल गांधी को स्वीकार नहीं किया था
कमलनाथ कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार नहीं किया था और राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में अभिमत दिया था। सूत्रों का कहना है कि केवल अपनी महत्वाकांक्षा के कारण कमलनाथ ने राहुल का नेतृत्व स्वीकार किया। यह बात राहुल गांधी भी जानते हैं।
संगठन के साथ चलने की आदत नहीं है
सूत्र बोलते हैं कि कमलनाथ को संगठन के साथ चलने की आदत नहीं है। छिंदवाड़ा में कांग्रेस नहीं बल्कि कमलनाथ कांग्रेस चलती है। वहां सबकुछ वैसा ही होता है जैसा कमलनाथ चाहते हैं। चुनाव के समय संगठन के नेता केवल जनसंपर्क तक सीमित रहते हैं जबकि सारी पॉवर कुछ वेतनभोगी कर्मचारियों के हाथ में होती है। लोग तो यहां तक कहते हैं कि छिंदवाड़ा में ना केवल कांग्रेस पर नियंत्रण रखा गया बल्कि भाजपा को भी हमेशा अपने खाते में बनाए रखा। यही कारण है कि भाजपा ने कभी भी छिंदवाड़ा को गंभीरता से नहीं लिया।
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