फिल्म कलाकार मुकेश त्यागी का कहना है कि कला-माध्यमों पर किसी तरह का बंधन नहीं होना चाहिए। इंटरनेट के इस जमाने में फिल्म सेंसर बोर्ड जैसी संस्थाओं को अनावश्यक बताते हुए उन्होंने कहा कि सिनेमा की विषय-वस्तु को समाज पर छोड़ देना चाहिए। जो चीज अच्छी नहीं होगी, खारिज कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नेटफ्लिक्स और अमेजन जैसे खिलाड़ी सिनेमा के बाजार से लेकर उसकी विषय-वस्तु तक को पूरी तरह से बदल देंगे। सिनेमा के सत्ता और समाज के साथ संबंधों पर इस लंबी बातचीत का संचालन किया कार्यकारी संपादक मुकेश भारद्वाज ने।
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