
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष पर आरोप है कि उन्होंने भ्रष्टाचार करते हुए दोगुने से भी ज्यादा कीमत पर हाईमास्क लाइट की खरीद अपनी चहेती फर्म ब्राइट ट्रेडिंग कारपेरेशन से की। हाईमास्क के लिए लगभग 35 लाख भुगतान करना था। आरोप है कि पालिकाध्यक्ष ने सीएमओ रविकांत त्रिपाठी के साथ मिलकर असल से 45 लाख अधिक लगभग 80 लाख का भुगतान फर्म के नाम कर दिया।
इस बड़े घोटाले की शिकायत भाजपा के ही बड़े नेता और धनपुरी नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष हंसराज तनवर ने कलेक्टर-कमिश्नर से कर दी। कमिश्नर ने मामले की जांच तत्कालीन सोहागपुर एसडीएम रहे आईएएस लोकेश जांगिड़ को दे दी। एसडीएम जांगिड़ ने भाजपा जिलाध्यक्ष की पत्नी द्वारा अनुमोदित मामले की जांच शुरू की। 45 लाख के घोटाले का पर्दाफाश कर दिया।
एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है कि नगर पालिका ने असल से 100 प्रतिशत से भी ज्यादा की कीमत पर खरीद की है। एसडीएम ने कमिश्नर को लिखे पत्र में तत्कालीन पालिकाध्यक्ष रविन्दर कौर छाबड़ा पर अपराधिक मामला दर्ज करने और सीएमओ त्रिपाठी पर विभागीय जांच की अनुशंसा की है।
एसडीएम ने जैसे ही इस मामले की जांच शुरू की, वैसे ही भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह छाबड़ा के साथ उनकी तकरार बढ़ गई और अंत में आईएएस लोकेश जांगिड़ का तबादला करा दिया गया। वहीं इस बड़े घोटाले में जिलाध्यक्ष के मिलीभगत की भी बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि विधायक प्रतिनिधि बनकर भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्रजीत धनपुरी नगर पालिका की हर बैठक में शामिल होते थे और अध्यक्ष रहीं पत्नी के नाम पर हर निर्णय वह खुद लेते थे।
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