
पिछले 14 साल में नहीं जुटे 1 लाख
बता दें कि मध्यप्रदेश में पिछले 14 साल में कांग्रेस एक भी आयोजन ऐसा नहीं कर पाई जिसमें 1 लाख कार्यकर्ता जुटे हों। कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता जिस मंच पर एकजुट हुए उसके सामने भी 25 हजार से ज्यादा की भीड़ नहीं थी। कांग्रेस सत्ता से बाहर होने के बाद से लेकर अब तक एक भी बार संख्या बल प्रदर्शित नहीं कर पाई है। सवाल उठता है कि जो कांग्रेस भोपाल में 50 हजार कार्यकर्ता नहीं जुटा पाई, क्या वो दिल्ली में 1 लाख कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन कर पाएगी।
मौसम और नेतृत्व परिवर्तन का भी पड़ेगा असर
मध्यप्रदेश में हाल ही में नेतृत्व परिवर्तन हुआ है। कमलनाथ गुट में तो उत्साह है। माना जा सकता है कि वो ज्यादा से ज्यादा संख्या दिल्ली ले जाएंगे। छिंदवाड़ा से दिल्ली जाने वाली पूरी ट्रेन कमलनाथ समर्थकों से भरकर जाएगी परंतु सिंधिया समर्थकों में ऐसा ही उत्साह होगा कहना मुश्किल है। दिग्विजय सिंह समर्थक भी तपती दोपहर में दिल्ली पहुंचने की हिम्मत दिखा पाएंगे, कहा नहीं जा सकता।
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